निषाद समाज को कमजोर समझने की भूल न करें :डॉ संजय कुमार निषाद
जातीय संघर्ष किसी का भला नहीं करता, समाधान संविधान में ही है
लखनऊ।
निषाद समाज को कमजोर समझने की भूल न करें जातीय संघर्ष किसी का भला नहीं करता, समाधान संविधान में ही है।डॉ संजय कुमार निषाद नें कहा की संतकबीरनगर के ग्राम अमरडोभा में निषाद समाज पर हुआ यह सुनियोजित हमला न केवल निंदनीय है, बल्कि यह हमारे समाज को दबाने की साजिश भी प्रतीत होती है। निषाद समाज को कमजोर समझने वालों को यह स्पष्ट संदेश है कि अब समाज जागरूक है और अपने हक, अधिकार और सम्मान के लिए हर स्तर पर संघर्ष करने को तैयार है। निषाद पार्टी मांग करती है कि इस घटना की निष्पक्ष जांच हो, दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई हो और हमारे निर्दोष निषाद भाइयों को किसी भी प्रकार से झूठे मुकदमों में न फंसाया जाए।
डॉ. संजय कुमार निषाद जी ने आज संतकबीरनगर अमरडोभा पहुंचकर अधिकारियों के साथ घटना स्थल का निरीक्षण किया और निषाद समाज के खेतों का भी जायज़ा लिया, जहां दूसरे पक्ष द्वारा निषाद समाज के लोगों को खेती करने से रोका जा रहा था। डॉ. संजय कुमार निषाद ने मौके पर अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि “निषाद समाज के किसी भी व्यक्ति को उसके खेत में काम करने से कोई न रोके। दोषी पक्ष के खिलाफ तत्काल प्रभाव से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।”
उन्होंने स्पष्ट आदेश दिया कि “कोई भी आरोपी बचने न पाए और कोई भी निर्दोष व्यक्ति किसी भी हाल में फंसाया न जाए।”( डॉ. संजय कुमार निषाद जी ने यह भी निर्देश दिया कि गांव में पर्याप्त संख्या में पुलिस बल तैनात किया जाए ताकि शांति और कानून व्यवस्था बनी रहे और कोई भी व्यक्ति समाज में भय का माहौल न बना सके। उन्होंने निषाद समाज को भरोसा दिलाया कि सरकार और निषाद पार्टी पूरी तरह से उनके साथ खड़ी है और किसी के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।
ग्राम अमरडोभा में जब डॉ. संजय कुमार निषाद मौके पर पहुंचे, तो गांव के युवाओं और महिलाओं ने बताया कि समाजवादी पार्टी के सांसद पप्पू निषाद बगल के क्षेत्र में होते हुए भी पीड़ित निषाद समाज के बीच नहीं आए। इस मुद्दे पर मीडिया के प्रतिनिधियों ने भी सीधे सवाल किया कि आखिर पप्पू निषाद क्यों नहीं पहुंचे? इस पर डॉ. संजय कुमार निषाद ने तीखा हमला करते हुए कहा कि “जो लोग निषाद समाज के नाम पर संसद पहुँचे, वे इस संघर्ष में अपने समाज की पीड़ा देखने तक नहीं आए।
शायद उन्होंने अब अपना चश्मा बदल लिया है, अब उनके चश्मे में निषाद नहीं, केवल यादव दिखते हैं। ऐसे ‘पप्पू’ नेता सिर्फ नाम के निषाद हैं, मन से नहीं।” डॉ. संजय कुमार निषाद ने कहा कि जब निषाद समाज पर हमला होता है, ऐसे नेता हमेशा गायब हो जाते हैं। यह साफ दिखाता है कि उनके दिल में निषाद समाज के लिए कोई जगह नहीं है। “पप्पू निषाद जैसे लोग निषाद समाज के नाम पर कलंक हैं, जो अपने समाज के दर्द से मुँह मोड़ लेते हैं।”
डॉ. संजय कुमार निषाद जी ने कहा कि “अमरडोभा में हमारे निषाद समाज के भाई पिटते रहे, लेकिन संसद में बैठे पप्पू निषाद को शायद अपने समाज का दर्द दिखाई ही नहीं दिया। उन्हें बस यह दिखा कि सामने यादव हैं, निषाद नहीं। ऐसे नेता निषाद समाज के भरोसे के लायक नहीं हैं।” निषाद पार्टी हर पीड़ित निषाद भाई के साथ पूरी मजबूती से खड़ी है। हम अन्याय किसी भी कीमत पर नहीं सहेंगे, हम अपने समाज को न्याय दिलाकर ही रहेंगे।
डॉ. संजय कुमार निषाद जी ने निषाद समाज के सभी भाइयों और बहनों से अपील करते हुए कहा कि “हम समाज से आग्रह करते हैं कि शांति बनाए रखें, लेकिन अपने हक और अधिकार की लड़ाई मजबूती से लड़ें। जातीय संघर्ष किसी का भी भला नहीं करता। किसी भी समस्या का स्थायी समाधान संविधान और लोकतांत्रिक व्यवस्था में ही है।” निषाद पार्टी हमेशा अपने समाज के हक, अधिकार और सम्मान की लड़ाई मजबूती से लड़ती रहेगी। हम अपने समाज को कभी भी अकेला नहीं छोड़ेंगे।
जनपद संतकबीरनगर के ग्राम अमरडोभा में निषाद समाज और यादव समाज के बीच हुआ संघर्ष अत्यंत ही दुर्भाग्यपूर्ण और समाज को तोड़ने वाला है। जातीय संघर्ष किसी भी समस्या का समाधान नहीं है। निषाद पार्टी स्पष्ट रूप से मानती है कि समाज में भाईचारा, आपसी सम्मान और संवैधानिक मर्यादा सबसे बड़ा रास्ता है। समाज में शांति, सौहार्द और एकता ही आगे बढ़ने का रास्ता है, किसी भी समस्या का समाधान संवैधानिक और लोकतांत्रिक प्रक्रिया से ही संभव है।