भोपाल से कानपुर तक रेलवे लाइन पर चलने वाली ट्रेनों पर ललितपुर से कानपुर तक बीड़ी बनाने वाले पत्तों का ब्यापार करने वालों का बोलबाला रहता है।
खबर लखनऊ उत्तर प्रदेश से है जहाँ भोपाल से कानपुर तक रेलवे लाइन पर चलने वाली ट्रेनों पर ललितपुर से कानपुर तक बीड़ी बनाने वाले पत्तों का ब्यापार करने वालों का बोलबाला रहता है। बड़े-बड़े बोरों में भर कर बीडी के पत्ते यह लोग ट्रेन डिब्बो के दरवाजो,डिब्बे के जोड़ों तथा शौचालय के दरवाज़े बोरे लगा बन्द कर देते हैं।जिससे विकलांगों महिलाओं और बच्चों को काफी परेशानी होती है।आरोप है कि यह सब धंधा ट्रेनों पर रहने वाले टिकट निरीक्षकों और रेलवे पुलिस के जवानों की मिली भगत से काफी अरसे से फल फूल रहा है। हैं कि रविवार और सोमवार की रात प्रतापगढ़ एक्सप्रेस 12183 जो भोपाल से प्रतापगढ़ जा रही थी उस पर ललितपुर से दर्जनों बीड़ी पत्ता का व्यवसाय करने वाले लोग बड़े-बड़े बोर लेकर चढ़ आये और ट्रेन के डिब्बो के दरवाजा, शौचालय के दरवाज़े,स्लीपर और ज्वाइंटर के बीच बोरे लगा दिए जिससे यात्रा कर रहे यात्रियों को परेशानी होने लगी। ट्रेन पर यात्रा करने वाले यात्रियों ने बताया कि पत्ता व्यवसाय करने वाले लोगों के साथ उनकी महिलाएं भी रहती हैं जिनको आगे करके वह लोग यात्रियों से अभद्रता करने में नहीं चूकते हैं।बताते
रविवार सोमवार की रात भोपाल से 50 किलोमीटर जब पानी बरसने लगा और सभी डिब्बो में पानी आ गया और यात्रा कर रहे यात्रियों में खलबली मच गई तो डिब्बे में लिखो नंबर पर फोन कर कुछ यात्रियों ने सफाई कर्मचारी को बुलाया तो बोर्न से बंद दरवाजे नहीं खुल सके तब यात्रियों की इस समस्या से उसमें यात्रा कर रहे लखनऊ के तेज प्रकाश अवस्थी एवं अजय शुक्ला ने जब रेलवे प्रशासन को अवगत कराया और मौके पर एक टिकट निरीक्षक और कुछ रेलवे पुलिस के कर्मचारी पहुंचे तो उनसे बड़ी नोक झोंक हुई। नोंकझों के बाद बड़ी मुश्किल से टिकट निरीक्षक ने मेमो बनाया किन्तु वह मेमो लेने के लिए ऊरई स्टेशन पर कोई नहीं आया।श्री अवस्थी एवं शुक्ला ने बताया कि इन ट्रेनों पर सफर करना पत्ता व्यवसाय करने वाले लोगों से झगड़ा किये बिना सुकून से यात्रा नहीं हो पाती है।