
राम मंदिर क्षेत्र में अब नहीं होगा ऊंचे भवनों का निर्माण, मनमानी की तो खैर नहीं, जान लें क्या है अयोध्या मास्टर प्लान 2031

प्रवेश कुमार/अयोध्या: रामनगरी की सांस्कृतिक गरिमा और धार्मिक महत्व को संरक्षित रखने के लिए अयोध्या विकास प्राधिकरण ने एक बड़ा निर्णय लिया है. अब श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के आसपास मानक से अधिक ऊंचाई वाले भवनों का निर्माण प्रतिबंधित रहेगा. यह कदम अयोध्या मास्टर प्लान 2031 के तहत उठाया गया है, जिससे अत्यधिक शहरीकरण पर नियंत्रण और मंदिर की दिव्यता को सुरक्षित रखा जा सके.
मंदिर क्षेत्र दो भागों में विभाजित प्राधिकरण ने मंदिर क्षेत्र को दो भागों में विभाजित किया है — मंदिर रिस्ट्रिक्टेड जोन-1 और मंदिर रिस्ट्रिक्टेड जोन-2. इन क्षेत्रों में निर्माण के लिए ऊंचाई की सख्त सीमा तय की गई है.जोन-1 में किसी भी नए भवन की अधिकतम ऊंचाई सड़क से 7.5 मीटर से अधिक नहीं हो सकती, जबकि जोन-2 में यह सीमा 15 मीटर निर्धारित की गई है
जोन-1 क्षेत्र में रानोपाली रेलवे क्रॉसिंग, अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन, रायगंज रोड, रानीबाजार चौराहा, तपस्वी छावनी, वाल्मीकि भवन, राम की पैड़ी का दक्षिणी भाग, लक्ष्मण घाट और साकेत डिग्री कॉलेज के पीछे के इलाके शामिल किए गए हैं.प्राधिकरण ने इन प्रतिबंधों की जानकारी आम जनता तक पहुंचाने के लिए सूचना बोर्ड भी लगाए हैं. अयोध्या मंडल के कमिश्नर गौरव दयाल और अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अश्वनी पांडे ने स्पष्ट किया कि इन नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
इस फैसले का उद्देश्य न केवल राम मंदिर की मर्यादा को बनाए रखना है, बल्कि अयोध्या के ऐतिहासिक और धार्मिक स्वरूप को भी भविष्य की पीढ़ियों के लिए अक्षुण्ण बनाए रखना है.