सफदरजंग अस्पताल में कैंसर मरीज का कार-टी सेल थेरेपी से हुआ इलाज, पीजीआई और एम्स के बाद तीसरा हॉस्पिटल

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दिल्ली सफदरजंग अस्पताल में कैंसर मरीज का कार-टी सेल थेरेपी से हुआ इलाज, पीजीआई और एम्स के बाद तीसरा हॉस्पिटल सफदरजंग अस्पताल में कैंसर के एक मरीज का कार-टी सेल थेरेपी से इलाज किया गया है. एम्स और पीजीआई चंडीगढ़ के बाद सफदरजंग में इस थेरेपी से कैंसर का इलाज किया गया है. कार-टी सेल थेरेपी क्या होती है. इस बारे में अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया है.बीते कुछ सालों में कैंसर के मामले बढ़े हैं. इस बीमारी के इलाज में नई तकनीक और थेरेपी का भी यूज अब किया जा रहा है. ऐसी ही एक तकनीक ( CAR-T) सेल थेरेपी है. दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में ब्लड कैंसर के एक मरीज का इस थेरेपी से इलाज किया गया है. कार-टी सेल थेरेपी को कैंसर के इलाज में काफी प्रभावी माना जाता है. सफदरजंग में पहली बार इससे कैंसर के किसी मरीज का इलाज हुआ है.बीते कुछ सालों में कैंसर के मामले बढ़े हैं. इस बीमारी के इलाज में नई तकनीक और थेरेपी का भी यूज अब किया जा रहा है. ऐसी ही एक तकनीक ( CAR-T) सेल थेरेपी है. दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में ब्लड कैंसर के एक मरीज का इस थेरेपी से इलाज किया गया है. कार-टी सेल थेरेपी को कैंसर के इलाज में काफी प्रभावी माना जाता है. सफदरजंग में पहली बार इससे कैंसर के किसी मरीज का इलाज हुआ है.काफी महंगा है इलाजसरकारी संस्थानों की बात करें तो देश में एम्स दिल्ली और पीजीआई चंडीगढ़ में ही कार-टी सेल थेरेपी से मरीज का इलाज हुआ था. अब सफदरजंग अस्पताल में भी इससे मरीज का इलाज किया गया है. प्राइवेट अस्पतालों में भी ये सुविधा हर जगह नहीं है. जहां है वहां इलाज का खर्च कई लाख रुपये हैं. भारत से लोग अमेरिका जाकर भी यह इलाज कराते हैं. वहां इसमें करोड़ों रुपये का खर्च आ जाता है. अब सफदरजंग अस्पताल में इस थेरेपी से पहले मरीज का इलाज होने के बाद कैंसर के दूसरे मरीजों के लिए उम्मीद की किरण जगी है.रिपोर्ट आर पी एस समाचार