
उन्नाव
एक जिला-एक नदी योजना में कल्याणी नदी शामिल
प्रदेश सरकार ने कल्याणी नदी को एक जिला-एक नदी योजना में शामिल किया है। नदी के जीर्णोद्धार के लिए अब 35 करोड़ का प्रस्ताव शासन को भेजने की तैयारी चल रही है। इस प्रस्ताव को फरवरी में नमामि गंगे के तहत केंद्र सरकार को भेजा गया था लेकिन बजट नहीं मिल सका।
जनवरी 2025 में डीएम गौरांग राठी ने पूर्व सीडीओ प्रेम प्रकाश मीणा के माध्यम से कल्याणी नदी के जीर्णोद्धार के लिए तीन स्तर की कार्ययोजना तैयार कराई थी। पहली कार्ययोजना में मनरेगा के तहत नदी से जुड़े नालों व तालाबों की साफ-सफाई और दूसरे स्तर पर पौधरोपण कराने के लिए करीब 9.89 करोड़ का प्रस्ताव तैयार हुआ था। इस पर काम भी शुरू कराया गया था लेकिन बीच में श्रमिकों को भुगतान न होने से उन्होंने काम करने से इन्कार कर दिया था। जब अप्रैल में मजदूरी मिली तो गर्मी बढ़ गई। इससे काम पूरे नहीं हो सके।
वहीं तीसरे स्तर पर नदी को पुराने स्वरूप में वापस लाने के लिए पोकलैंड मशीनों से गहरी खुदाई कराने पर सहमति बनी थी। इसके लिए लगभग 35 करोड़ का डीपीआर तैयार हुआ था। इसके लिए डीएम ने नई दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान नमामि गंगे के वरिष्ठ अधिकारी से बात की तो उन्होंने इसके लिए सहमति दी थी। इसके बाद डीएम ने फरवरी माह में इसे केंद्र सरकार के पास भेजा था। करीब चार माह बाद भी नमामि गंगे से पैसा नहीं मिला। इसी बीच प्रदेश सरकार ने एक जिला-एक नदी योजना शुरू की। इसमें डीएम ने कल्याणी नदी को शामिल किया है।
मीडिया की पहल पर कभी बारिश तो कभी बजट का अटकता रहा रोड़ा मीडिया ने जीर्णोद्धार की पहल करते हुए कल्याणी नदी को लेकर लगातार अभियान चलाया। इसके बाद प्रशासन ने कार्ययोजना तैयार करके जल शक्ति मंत्री ने जीर्णोद्धार की शुरुआत कराई थी। हालांकि इसके बाद बारिश तो कभी बजट का रोड़ा अटकता रहा। कच्चे काम तो मनरेगा से कराए जाते रहे लेकिन मशीनों से खुदाई मनरेगा से अनुमन्य न होने से काम एक कदम आगे बढ़कर दो कदम पीछे लौटता रहा। इसी कारण प्रशासन ने पोकलैंड से खुदाई कराने के लिए अलग से प्रस्ताव तैयार कराया था और केंद्र सरकार से बजट की मांग की थी। वहां से बजट न मिलने से नदी की खुदाई आगे नहीं बढ़ सकी।
कल्याणी नदी को प्रदेश सरकार की एक जिला-एक नदी योजना में शामिल किया गया है। अब नदी के जीर्णोद्धार के लिए पूर्व में तैयार की गई डीपीआर को शासन को फिर से भेजा जा रहा है। यह योजना शासन की है, इसलिए जल्द बजट मिलने की उम्मीद है। इसके बाद नदी की गहरी खुदाई का काम शुरू कराया जाएगा।
गौरांग राठी, डीएम तीन स्तरों पर ऐसे होनी थी सफाई कार्य
पहले स्तर में मनरेगा से नदी के किनारे स्थित 31 तालाबों व 15 नालों की सफाई- खर्च 8.29 करोड़।
– दूसरे स्तर पर नदी किनारे 50 हजार पौधों का रोपण- खर्च 1.6 करोड़।
– तीसरे चरण में पोकलैंड से नदी की गहरी सफाई- खर्च 35 करोड़।
कल्याणी नदी एक नजर में हरदोई के माधौगंज से निकलने वाली गंगा की प्रमुख सहायक नदियों में से एक।
गंजमुरादाबाद, बांगरमऊ, फतेहपुर चौरासी, सफीपुर व सिकंदरपुर सरोसी ब्लाॅक के लगभग 32 गांवों से निकलती है। नदी की जिले में कुल लंबाई 72 किलोमीटर, करीब 11 गांवों में नदी की जमीन पर मिला अतिक्रमण, हो रही खेती।