उत्तर प्रदेश राज्य हज समिति के अध्यक्ष व विधान परिषद सदस्य मोहसिन रजा ने बांगरमऊ पहुंचकर मोहर्रम की 7 तारीख पर नगर में उठने वाले तख्त में शिरकत की।
मोहर्रम की 7 तारीख यानी बीती शनिवार को देर शाम नगर पालिका परिषद के चेयरमैन इजहार खां “गुड्डू” के आवास पर उत्तर प्रदेश राज्य हज समिति के अध्यक्ष व विधान परिषद सदस्य मोहसिन रजा ने पहुंचकर मोहर्रम की 7 तारीख पर नगर में उठने वाले तख्त में शिरकत की।
उत्तर प्रदेश राज्य हज समिति के अध्यक्ष व विधान परिषद सदस्य मोहसिन रजा ने मुहर्रम के मौके पर लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि मोहर्रम का महीना हमें हजरत इमाम हुसैन और उनके 72 साथियों की अजीम शहादत की याद दिलाता है। उन्होंने कहा कि इस्लामिक नए साल की 10 तारीख को नवासा ए रसूल हजरत इमाम हुसैन अपने 72 साथियों और अपने परिवार के साथ मजहबे इस्लाम को बचाने, हक और इंसाफ को जिंदा रखने के लिए शहीद हो गए थे।
हजरत इमाम हुसैन को उस वक्त के जालिम शासक यजीद की फौज ने इराक के कर्बला में घेरकर शहीद कर दिया था। लिहाजा 10 मोहर्रम को पैग़ंबरे इस्लाम के नवासे (नाती) हजरत इमाम हुसैन की शहादत की याद ताजा हो जाती है। किसी शायर ने खूब कहा है कि -“कत्ले हुसैन अस्ल में मरगे यजीद है, इस्लाम जिंदा होता है हर कर्बला के बाद।” उन्होंने कहा कि दरअसल कर्बला की जंग में हजरत इमाम हुसैन की शहादत हर धर्म के लोगों के लिए एक मिसाल है। यह जंग बताती है कि जुल्म के आगे कभी नहीं झुकना चाहिए चाहे इसके लिए सर ही क्यों न कट जाये। लेकिन हक और सच्चाई के लिए जालिम के सामने भी खड़ा हो जाना चाहिए।
ग्राम जोगीकोट से आई अंजुमने इस्लामिया ने नोहे पढ़कर मातम भी किया जिसमें भी मोहसिन रजा शामिल रहे। इस मौके पर चेयरमैन इजहार खां “गुड्डू”, समाजसेवी फजलुर्रहमान, जुबैर हाशमी, बब्लू खां प्रधान, मौलवी जमील अहमद, सभासद मोहम्मद अफाक, मोहम्मद हफीज, उमाशंकर यादव सहित भारी संख्या में लोग मौजूद रहे।