कोरोना की मार के साथ ही  रोजी ने छीना रोजगार किसान हुए बेहाल

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कोरोना की मार के साथ ही  रोजी ने छीना रोजगार किसान हुए बेहाल

आम बागवानी पर कटरपिलर का अटैक

रिपोर्ट-गिरीश त्रिपाठी स्वतंत्र पत्रकार

लखनऊ

कोरोना की मार झेल रही सारी दुनिया के साथ ही अब उत्तर प्रदेश के आम बागवानी पर कटर कटर पिलर का अटैक और रोजी कीटाणुओं से उनकी फसल हो रही बर्बाद ।
उत्तर प्रदेश की 15 आम फल पट्टी क्षेत्र में आने वाली मलिहाबाद और उन्नाव की सफीपुर फल पट्टी क्षेत्र के किसान विगत वर्ष की भांति इस बार भी कटरपिलर, रोजी, भुनगा कीटाणु आम की फसल को चौपट करने में जुट गए हैं। किसानों ने समय रहते अपनी बागो का छिड़काव नहीं किया तो वह दिन दूर नहीं कि उनको एक – एक के काम के लिए तरसना पड़े जाए ।
इस समय उत्तर प्रदेश के सभी मैंगो बेल्ट के साथ ही मलिहाबाद मैंगो बेल्ट में आने वाले माल, काकोरी, मलिहाबाद तीन विकासखंड क्षेत्र आते हैं । इसी तरह उन्नाव जनपद के सफीपुर मैंगो बेल्ट में सफीपुर फतेहपुर चौरासी और बांगरमऊ विकासखंड के गांव आते हैं ।इन क्षेत्रों में लगभग इस वर्ष 20 से 25% की फसल आने की उम्मीद दिख रही है। ऐसे में पिछले तीन-चार दिनों में कैटरपिलर अमियां में छेद कर उनको गिराना शुरू कर दिया है । साथ ही इन्हीं 3 दिनों में रोजी के कीटाणु ने आमों में खुरदरा शुरू कर फसल बर्बाद करने में जुट गई है । साथ ही आम के नए कल्ले कपोल निकलना शुरू हो गए हैं । ऐसे में हार्पर (भुनगा ) कीट ने एक बार फिर अपना जोर शुरू कर दिया है । ऐसे में उद्यान विशेषज्ञों का मानना है कि अगर समय रहते छिड़काव तुरंत ने किया गया तो आम किसान बर्बाद हो जाएंगे । क्योंकि यह तीनों कीटाणु ऐसे हैं जो एक सप्ताह के अंदर ही पूरी बाग को बर्बाद कर देंगे । लखनऊ और उन्नाव जनपद के आम पर पट्टी क्षेत्र के आम बागान स्वामियों ने बताया कि कटरपिलर से उनकी फसल बर्बाद होने लगी और थोड़ा विलंब हो गया । स्प्रे करने में तुरंत शुरू कर दिया है उम्मीद है कि शायद दोबारा करना पड़े । लेकिन आसंका भी है कीट बड़ा बड़ा साइज का हो गया है। जो शायद एक बार के स्प्रे में न मरने पाये। इसलिए चार-पांच दिन के बाद जरूरत पड़ी तो फिर दूसरा स्प्रे करेंगे।
इसी के साथ ही अब क्षेत्र में आम की बागों में सिंचाई का काम भी बड़ी तेजी से शुरू हो गया है ।
किसानों को आशंका है कि अगर समय रहते उत्तर प्रदेश की मंडियों को पूर्ण रूप से चालू न किया गया और ट्रकों द्वारा उनका माल भेजने की परमिट सरकार द्वारा नहीं किया गया । तो आम गांव गांव में सड़ जाएगा ।

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