सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’ हिन्दी के महाकवि का परिचय
सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’ (२१ फरवरी, १८९६[1] – १५ अक्टूबर, १९६१) हिन्दी कविता के छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों[क] में से एक माने जाते हैं। वे जयशंकर प्रसाद, सुमित्रानंदन पंत और महादेवी वर्मा के साथ हिन्दी साहित्य में छायावाद के प्रमुख स्तंभ माने जाते हैं। उन्होंने कहानियाँ, उपन्यास और निबंध भी लिखे हैं किन्तु उनकी ख्याति विशेषरुप से कविता के कारण ही है।
सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’ |
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