मतगणना के लिए एजेंट नियुक्त करने हेतु कोरोना टेस्ट रिपोर्ट अनिवार्य किया गया है।

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मतगणना के लिए एजेंट नियुक्त करने हेतु कोरोना टेस्ट रिपोर्ट अनिवार्य किया गया है।

     

रिपोर्ट- ज़मीर खान बांगरमऊ

बांगरमऊ उन्नाव

पंचायत निर्वाचन आयोग द्वारा मतगणना के लिए एजेंट नियुक्त करने हेतु कोरोना टेस्ट रिपोर्ट अनिवार्य किया गया है। लेकिन स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में करीब 70 लोगों के कोरोनावायरस टेस्ट ही संभव है। जबकि पंचायत चुनाव की मतगणना के लिए करीब ढाई हजार एजेंट नियुक्त होना है। यहां के सरकारी अस्पताल में छः सौ लोगों की कोरोना टेस्टिंग आखिर कैसे होंगी।
जिले में बीती 26 अप्रैल को पंचायत चुनाव संपन्न हुए हैं। अब आगामी 2 मई को पंचायत चुनाव की मतगणना होना है। मतगणना के लिए ग्राम प्रधान व क्षेत्र पंचायत सदस्य तथा जिला पंचायत सदस्य प्रत्याशियों की ओर से मतगणना एजेंट भी नियुक्त किया जाना है। साथ ही बड़ी संख्या में ग्राम पंचायत सदस्य के भी एजेंट नियुक्त किए जाने हैं। पंचायत निर्वाचन आयोग द्वारा एजेंट बनने के लिए मतगणना तिथि के 72 घंटे पूर्व का कोरोना टेस्ट प्रमाण पत्र होना निर्धारित किया है।
लेकिन स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का प्रतिदिन कोरोना टेस्ट का लक्ष्य मात्र 40 का है। हालांकि स्वास्थ्य केंद्र में आज करीब 70 लोगों का कोरोनावायरस टेस्ट किया गया है। जबकि मतगणना एजेंट बनने के लिए एक ही दिन में करीब ढाई हजार लोगों का कोरोनावायरस टेस्ट करना होगा।
स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ने इतनी बड़ी संख्या में कोरोनावायरस टेस्ट करने से हाथ खड़े कर दिए हैं। इसके लिए प्रशासन को ग्रामीण अंचल के स्वास्थ्य उपकेंद्रो से अतिरिक्त मानव संसाधन जुटाने होंगे। इसके अलावा अतिरिक्त टेस्टिंग किट का भी इंतजाम करना होगा। अन्यथा मतगणना एजेंट न बन पाने की स्थिति में मतगणना परिणाम की निष्पक्षता पर प्रश्नचिन्ह खड़ा हो सकता है।

 

बांगरमऊ उन्नाव

क्षेत्र में कुल 55 ग्राम पंचायतें हैं और इन ग्राम पंचायतों में करीब 250 प्रत्याशियों के एजेंट बनने हैं। इसी प्रकार ब्लॉक में 80 बीडीसी वार्ड हैं ।जिन पर करीब 400 प्रत्याशियों ने अपनी किस्मत आजमाई है। इसके अलावा जिला पंचायत सदस्य के लिए कुल 17 प्रत्याशियों ने चुनाव लड़ा है। जिनके एजेंट प्रत्येक ग्राम पंचायत मतगणना केंद्र पर तैनात होना है। कुल मिलाकर जिला पंचायत प्रत्याशियों के करीब एक हजार एजेंट तैनात होने हैं। इस प्रकार करीब छः सौ अभिकर्ताओं के कार्ड बनाए जाने हैं और कार्ड बनने के पूर्व इन सभी का कोरोना टेस्ट भी होना है। इतने लोगों का कोरोनावायरस टेस्ट इतने कम समय में आखिर कैसे संभव है।

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