भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री जी अपनी हवाई आदत से मजबूर है। उनकी सरकार का अब चौथा वर्ष चल रहा है। बड़ी-बड़ी घोषणाओं और आश्वासनों की आसममानी खेती में दिन बीत गए।

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भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री जी अपनी हवाई आदत से मजबूर है। उनकी सरकार का अब चौथा वर्ष चल रहा है। बड़ी-बड़ी घोषणाओं और आश्वासनों की आसममानी खेती में दिन बीत गए।

 

रिपोर्ट-RPS समाचार प्रमुख संवादाता गिरीश त्रिपाठी

लखनऊ
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का कहना है कि भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री जी अपनी हवाई आदत से मजबूर है। उनकी सरकार का अब चौथा वर्ष चल रहा है। बड़ी-बड़ी घोषणाओं और आश्वासनों की आसममानी खेती में दिन बीत गए। फिलहाल वे समझते हैं कि जब बिना कोई काम किए इतना वक्त कट गया है तो चलते-चलते कुछ नहीं तो ‘मंत्र‘ के सहारे राज्य की जनता को गुमराह किया जा सकता है।
न रोजगार, न किसानों के साथ न्याय, न कानून व्यवस्था का राज, और नहीं विकास का बुनियादी ढांचा फिर भी आश्चर्य भाजपा सरकार चल रही है। तीन लाख रोजगार तीन वर्षों में कहां और कैसे उपलब्ध कराए गए हैं? कोरोना संक्रमण थम नहीं रहा है। राज्य की आर्थिक स्थिति इतनी खराब है कि किसानों के लाभ की कई योजनाएं बंद हो रही है। गन्ना किसान को भुगतान नहीं करने वाले चीनी मिलों पर कार्यवाही के नाम पर चुप्पी क्यों?
सड़कें गड्ढा मुक्त करने की तारीखे तो कई बार बदल चुकी हैं किन्तु अभी तक इस सड़कों में कुछ सुधार नहीं है। जहां सड़के बनती हैं वे भी कुछ दिनों बाद ही गड्ढो में तब्दील हो जाती है। राज्य में पूंजी निवेश का हल्ला मचा, हासिल कुछ नहीं हुआ। निवेशक सम्मेलन के नाम पर तामझाम, दावत, सत्कार में जितनी धनराशि फूंकी गई उतनी किसी उद्योग में नहीं लगी। राज्य विकास की दौड़ में लगातार पिछड़ता जा रहा है।
शिक्षा-स्वास्थ्य के क्षेत्र में सर्वाधिक गिरावट है। शिक्षा संस्थान छह महीनों से बंद हैं। आन लाइन पढ़ाई सिर्फ मजाक है। प्राथमिक और नर्सरी के बच्चों का कोई पुरसाहाल नहीं। अभिभावक अभी भी कोरोना से डरे सहमें हैं, अपने बच्चों को वे स्कूल नहीं भेजना चाहते हैं। अस्पतालों में दवाइयां नहीं मिलती है, डाक्टर नियमित ओपीड़ी में नही बैठते हैं। गर्भवती महिलाओं को समय से इलाज नहीं मिलता है। सरकार बताए कितने मेडिकल कालेज उसके कार्यकाल में तैयार हुए हैं?
कोरोना संकट काल में जो प्रवासी श्रमिक आए उनके लिए जो भी वादे किए गए, एक भी जमीन पर नहीं उतारे गए हैं। मजबूरन प्रवासी मजदूर दूसरे प्रदेशों में नौकरियां पाने के लिए फिर पलायन कर रहे हैं। सरकार के पास प्रवासी मजदूरों के सही आंकड़े भी नहीं है। फिर वह उनको कैसे राहत देंगे?
कानून व्यवस्था के हालात बदतरी में है। झांसी में जनवरी से अब तक दुष्कर्म के 65 मामले सामने आए हैं। इनमें 40 नाबालिग दरिंदो की हवस का शिकार बनी। मेरठ में एक जूडो कराटे खिलाड़ी छात्रा दुष्कर्म की शिकार हुई। लखीमपुर खीरी के मोहम्मदी क्षेत्र में महिला सिपाही से छेड़खानी करने वाले को भाजपा विधायक एवं पार्टी के नगर अध्यक्ष ने थाने से जबरन छुड़ा लिया।
भाजपा सरकार की विकास की कोई योजना न होने से उत्तर प्रदेश अब अपराध प्रदेश बनकर रह गया है। यहां बच्चियां सर्वाधिक असुरक्षित है। उद्योग धंधे चौपट होने से बेरोजगारी चरम पर है। सरकार का कोई अंकुश न होने से मंहगाई की मार से लोग परेशान है। समाज का कोई वर्ग ऐसा नहीं जो भयग्रस्त न हो। प्रदेश में लोग दहशत में जी रहे हैं और वे अपना बदला लेने के लिए सन् 2022 के चुनावों की प्रतीक्षा कर रहे हैं।

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