माँ कल्याण करो

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माँ कल्याण करो 

जनपद उन्नाव जिला ब्यूरो ललित कुमार

माँ मानव मन मन्दिर अब आओं ,

माँ जगत का कल्याण कर जाओ

मिल गया है माँ का हमें आसरा ,

जग में न मिला कोई तेरे जैसा प्यारा

यह माटी का तन है दीपक सा मन है,

भावों की बाती नहीं आस्था कम है

जगा संसार चहुँओर लालिमा छायी ,

अब देखो विपदा हरने अम्बा आयी

चरणों में हमको जगह मिल गई है ,

तनमें तेज मनस में ओजस हो गई है ।

जो बिगड़ी हमारी वह बन गई है,

परिश्रमी सफल सत्य राह मिल गई ।

सत कर्म,स्नेह,दया,करुणा जगाओ,

भक्ति समर्पण से पृथ्वी स्वर्ग बनाओ ।

अभी कल्पना मेरी हो सकी है न पूरी,

अभी साधना रह गई है मेरी अधुरी।

अभी तो खुला द्वार है केवल प्रगती ,

बनेगा हमारा ह्रदय-बल अतुल शक्ति ।

“रश्मि”न्योछावर तन मन सब जीवन,

माँ चरणों मे समर्पण अर्पण चिंतन

जनपीड़ा से द्रवित ह्रदय जनमंगल हो,

विश्वबंधुत्वभाव मुखरित विश्वशन्ति हो

डॉ रश्मि शुक्ला
प्रयागराज
उत्तर प्रदेश

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