भुखमरी के दौर से गुज़र रहे हैं उत्तर प्रदेश के मदरसा आधुनिक शिक्षक  जमशीदा खातून।

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भुखमरी के दौर से गुज़र रहे हैं उत्तर प्रदेश के मदरसा आधुनिक शिक्षक  जमशीदा खातून।

   

रिपोर्ट~ गिरीश त्रिपाठी स्वतंत्र पत्रकार

उन्नाव

2014 के लोकसभा चुनाव के समय भाजपा ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में मदरसा आधुनिक योजना को सम्मिलित करके मदरसों और उनके शिक्षकों की दशा सुधारने के संकेत दिए थे और उसी समय माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने कहा था कि मुसलमानों के एक हाथ में कुरआन और दूसरे हाथ में कंप्यूटर होगा और कहा कि अल्प संख्यकों को अब तक छला गया था अब छल नहीं होगा लेकिन अफसोस यह सब घोषणा तक ही सीमित रह गए
उत्तर प्रदेश के लगभग 25500 मदरसा आधुनिक शिक्षक पिछले लगभग 48 माह से वेतन की आस लगाए अपने काम को पूरी ईमानदारी से अंजाम देते चले आ रहे है हमारे अधिकांश शिक्षक साथी मदरसे में पढ़ाने के बाद फल सब्जी आदि का ठेला लगाकर अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे थे लाक डॉउन में तो स्थिती बहुत ही भयावह हो गई जो थोड़ा बहुत काम था वह भी लॉक डॉउन ख़तम हो गया अब तो हालात यह हैं कि भूखे रहकर गुजर बसर हो रही है।
मै आपके माध्यम से सरकार को यह बताना चाहती हूं कि मदरसा आधुनिकीकरण योजना सिर्फ अल्प संख्यक समाज तक ही सीमित नहीं है इस योजना में लगभग 10000 हिन्दू शिक्षक भी मदरसों में शिक्षण कार्य कर रहे हैं।
मेरी माननीय प्रधानमंत्री जी और माननीय मानव संसाधन विकास मंत्री जी से अपील है कि हम असहाय मदरसा आधुनिक शिक्षकों का बकाया 48 माह का मानदेय जारी करके हमारा कल्याण कीजिए हम आपके सदैव आभारी रहेंगे। नेशनल मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षक संघ की राष्ट्रीय अध्यक्षा महिला सभा जमशीदा खातून ने बताया कि मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षकों को वेतन ना मिलना उनके मौलिक अधिकारों का हनन है जो अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा हमने सरकार को जगाने के लिए जनपद से लेकर राजधानी तक आंदोलन किए हैं और लगातार करते रहेंगे क्योंकि वेतन भीख नहीं हमारा हक है और इसे हम लेकर रहेंगे।।

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