एक बेटी माँगे न्याय

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 एक बेटी माँगे न्याय

 

रिपोर्ट-रघुनाथ प्रसाद शास्त्री

मैं ऐश्वर्या सिंह सेंगर पुत्री कुलदीप सिंह सेंगर आज आपके सामने इस पत्र के माध्यम से कुछ ऐसे सवाल रखना चाहती हूं जिनका जवाब मैं खुद पिछले कई महीनों से तलाश रही हूं मैंने दिल्ली विश्वविद्यालय के मीरांडा हाउस से अपना ग्रेजुएशन पूरा किया और अपनी पढ़ाई के दौरान में आए दिन अखबारों में बलात्कार संबंधी खबरें पढ़ा करती थी किसको पता था कि एक दिन खुद के परिवार के सदस्य पर ऐसा संगीन आरोप लग जाएगा मामले के शुरुआत से ही एकदम खामोशी से बस घटित घटनाओं को देखे जा रही हूं।
मुझे न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा है ,लेकिन मैं ये भी जानती हूं कि न्याय व्यवस्था अपना काम सही तरीके से तभी कर पाएगी जब जांच करने वाली संस्थाएं एक भ्रामक जांच रिपोर्ट के बदले ठोस जांच रिपोर्ट तैयार करें। जैसा कि अखबारों और अन्य माध्यमों से सभी लोगों की जानकारी में आया कि एक लड़की ने सीएम के सामने विधायक पर बलात्कार का आरोप लगाया। क्या यह पूर्ण सत्य था नहीं सीएम तक पहुंचने से पहले उस लड़की ने बिना विधायक का नाम लिए बिना विधायक की बात कहे अपने आरोप किसी और पर लगाए क्या संबंधित एजेंसियों ने 2017 में 164 के अंदर कथित पीड़िता का जुडिशल मजिस्ट्रेट को दिया गया बयान संज्ञान में लिया ।
बार-बार अपने बयानों में समय बदल रही पीड़िता से इस बाबत कुछ पूछताछ की गई। कथित पीड़िता के बयान बदलने से ज्यादा कुछ नहीं बिगड़ा लेकिन उसके पूर्व समय पर विधायक और मेरे पिता उस जगह से 17 किलोमीटर दूरी पर थे जो जांच के समय एक महत्वपूर्ण पॉइंट होता लेकिन उसके बयानों को आधार बना दिया गया। और समय बदल दिया गया ।लड़की की उम्र के संबंधित दस्तावेजों में भी गड़बड़ पाई गई खैर उससे बहुत ज्यादा फर्क नहीं पड़ता अब आती हूं असली बात पर मेरे पिता कुलदीप सिंह सेंगर के पीछे एक भरा पूरा परिवार है ।अपने दम पर उन्होंने अपना राजनीतिक मुकाम हासिल किया था ।इतनी जल्दी लोगों के दिलों में जगह बनाने वाले मेरे पिता के दुश्मन भी बहुत हैं। ऐसे में उन्होंने हर वक्त अपनी सुरक्षा के लिए सरकार द्वारा 4 सिक्योरिटी दी गई है। जिसके जवान सरकारी मुलाजिम है अगर ऐसी कोई घटना घटित हुई होती तो हर वक्त साथ रहने वाले इन सरकारी अधिकारियों को तो पता होता? मेरे पिता का एक ठोस राजनीतिक जनाधार हैं जिसकी वजह से उनसे नफरत करने वाले उनके विरोधी बहुत हैं और इस बार जिन्होंने आरोप लगवाया है वह खुद 1985 से अपराधिक कार्यों में सलिप्त रहे हैं 75 से ज्यादा मामले उनके ऊपर चल रहे हैं और क्षेत्र की राजनीति में अपनी पकड़ बनाने के लिए उन्होंने मेरे पिता को रास्ते से हटाना बहुत जरूरी समझा एक राजनीतिक षड्यंत्र रचते हुए उन्होंने बड़ी सफाई से सरकारी तंत्र में मौजूद खामियों का फायदा उठाया और एक निर्दोष आदमी को कटघरे में खड़ा करके पूरी जनता के सामने बदनाम करने की कोशिश करी। मैं खुद एक लड़की हूं और बलात्कार शब्द के गहन अर्थों को समझती हूं एक औरत या लड़की के दामन पर सबसे बड़ा दाग होता है। एक लड़की अगर किसी पर बलात्कार का आरोप लगाती है ।तो उसकी गहन जांच होना बेहद जरूरी है। लड़की के द्वारा बताई गई चीजों का गहन विश्लेषण भी जरूरी है ।न कि लड़की द्वारा उपलब्धता के आधार पर किसी खड़यँत्र के अंतर्गत बयान बदलने को सच मान लेना चाहिए मेरे पिता न सिर्फ मेरे पिता हैं बल्कि उन्नाव की जनता के विधानसभा में प्रतिनिधि भी हैं
जनता ने एक मजबूत भरोसे के साथ एक दो नहीं बल्कि 4 बार मेरे पिता को विधानसभा भेजा है। मेरे पिता के ऊपर एक हमारे परिवार समेत अब हमारे चाचा के परिवार का भार भी है ।गत वर्ष मेरे चाचा इसी केस की जांच के दौरान मारे गए जिसकी वजह से हमारा परिवार बिखर गया फिलहाल पिता जेल में और घर में सबसे बड़ी सिर्फ मैं ही हूं जो इस घर को संभाल रही हूं बार-बार मुझे यह बात कचोटती है कि एक साजिश के कारण मेरे पिता जेल में हैं। अगर सच में उन्होंने कुछ किया है तो उनके खिलाफ जांच पूरी तरह से हो न कि किसी के प्रभाव में आकर हो।

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