गंगा कटरी के इलाके में हरी सब्जियों और ककड़ी तरबूज खरबूजा की खेती बड़े पैमाने पर की जाती

Listen to this article

 

गंगा कटरी के इलाके में हरी सब्जियों और ककड़ी तरबूज खरबूजा की खेती बड़े पैमाने पर की जाती

रिपोर्ट-गिरीश त्रिपाठी स्वतंत्र पत्रकार

बांगरमऊ, उन्नाव।
देश में लागू लाक डाउन का ग्रहण गर्मी के मौसम में होने वाली जायद की फसलों और सब्जियों पर भी लग गया है ।बांगरमऊ तहसील क्षेत्र के गंगा कटरी के इलाके में हरी सब्जियों और ककड़ी तरबूज खरबूजा की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है ।लेकिन इस वर्ष भारत सरकार के लाक डाउन की चपेट में क्षेत्र का सब्जी किसान भी आ गया है और यह लाकडाउन का ग्रहण ऐसा लगा कि किसानों को अपने खेतों में तैयार सब्जी की फसलों से लागत तक के पैसे मिलने की संभावना नहीं दिख रही है ।नानामऊ पुल से लेकर जमुनिया और आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे तक गंगा नदी की सीमा में पढ़ने वाली कटरी में बड़े पैमाने पर किसानों ने कद्दू , भिंडी, करेला , लौकी, खीरा, ककड़ी आदि की बुवाई की थी। कटरी में सबसे अधिक खेती तरबूज ककड़ी की किसानों ने की है। और उनकी फसल तैयार है लेकिन उनके सामने फसल बेचने की समस्या ऐसी बनी है जैसे लगता है अब खेतों में खरीफ फसल खेत में ही बनी रह जाएंगी। गंगा कटरी क्षेत्र के प्रधान कैलाश निषाद, राम शंकर यादव आदि बताते हैं कि वैसे तो जिला प्रशासन की ओर से क्षेत्र पंचायत कार्यालय से चार चार किसानों के समूह को एक-एक गाड़ी माल बाहरी बाजारों में ले जाने के लिए जारी किए गए थे किंतु वह पास इसलिए अनुपयोगी साबित हो रहर है कि बड़ी बाजारों में माल ले करके हम लोग पहुंचते हैं तो वहां खरीददार ही उपलब्ध नहीं होते हैं । थोक के भाव सब्जी खरीदने वाले और सब्जी का व्यापार करने वाले लोगों ने बताया कि जब लाक डाउन के चलते बजारे बंद है। नगरों से लेकर गांव तक कहीं बाजार लग ही नहीं रही है। जायद की फसल और सब्जी करने वाले किसानों के सामने बनी ऐसी स्थिति को देखकर साफ लगता है कि गर्मी में होने वाली जायद की फसलें उर्द मूंग लोबिया मूंगफली सहित तरबूज खरबूजा ककड़ी और भिंडी पर कोरोना का ग्रहण लगा है।

विज्ञापन बॉक्स