शारदा नहर पुल के नवनिर्माण का रास्ता उच्च न्यायालय की अवमानना याचिका के बाद साफ हो गया

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शारदा नहर पुल के नवनिर्माण का रास्ता उच्च न्यायालय की अवमानना याचिका के बाद साफ हो गया

रिपोर्ट-गिरीश त्रिपाठी स्वतन्त्र पत्रकार

बांगरमऊ ,उन्नाव
तहसील क्षेत्र के ग्राम गोशाकुतुब के पास से निकली बांगरमऊ- संडीला मार्ग पर स्थित शारदा नहर पुल के नवनिर्माण का रास्ता उच्च न्यायालय की अवमानना याचिका के बाद साफ हो गया है। न्यायालय के कड़े रुख को देखते हुए सरकार ने तत्काल रुप से उक्त पुल निर्माण के लिए धनराशि अवमुक्त कर दी है । धनराशि जारी हो जाने से अब शीघ्र ही शारदा नहर पुल के नव निर्माण का कार्य प्रारंभ हो जाएगा।
बताते चलें कि तहसील क्षेत्र के ग्राम इस्माइलपुर आंबापारा (कुर्मिनखेड़ा) निवासी उच्च न्यायालय खंडपीठ लखनऊ के वरिष्ठ यश भारती अधिवक्ता और प्रमुख समाजसेवी फारूक अहमद एडवोकेट ने क्षेत्र के ग्राम गोशाकुतुब के पास से निकली बांगरमऊ- संडीला मार्ग पर स्थित शारदा नहर पुल के नवनिर्माण के लिए एक जनहित याचिका दायर की थी। न्यायालय के आदेश के बाद भी जब कोई कार्य प्रारंभ नहीं हुआ तो श्री अहमद ने पुनः अवमानना याचिका दायर की तो उच्च न्यायालय ने विभागीय प्रमुख सचिव को तलब कर कड़ी फटकार लगाते हुए शीघ्र कार्य प्रारंभ करने के आदेश जारी किए थे। फिर उनके द्वारा सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के अंतर्गत मांगी गई सूचना पर लोक निर्माण विभाग द्वारा दी गई जानकारी में बताया गया है कि उच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में शासन द्वारा ग्राम गोशाकुतुब में शारदा नहर पुल के नवनिर्माण के लिए 14 करोड 8 लाख 78 हजार रुपये स्वीकृत करते हुए वित्तीय वर्ष 2019-20 में 5 करोड 3 लाख 75 हजार रुपये की प्रथम किस्त जारी कर दी है। धनराशि जारी हो जाने से अब शीघ्र ही उक्त पुल के नवनिर्माण का कार्य प्रारंभ हो जाएगा। श्री अहमद एडवोकेट द्वारा समाज सेवा के क्षेत्र में लगातार किए जा रहे अनगिनत कार्यों को लेकर जनता में खूब उनकी प्रशंसा हो रही है।

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