रामकृष्ण मिशन आश्रम हरिद्वार में जैविक खेती का चमत्कार

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रामकृष्ण मिशन आश्रम हरिद्वार में जैविक खेती का चमत्कार

By: एडमिन

हरिद्वार : आपने कभी 03 फ़ीट की मूलियां , फुटबॉल के आकर के चकुंदर और हथेली से बड़े आकर के आलू उगते हुए देखें हैं. चौंकिए मत ऐसा होता है और वह भी पूर्णतः जैविक खेती से. रामकृष्ण मिशन आश्रम हरिद्वार  आजकल कौतुहल और कृषको तथा वैज्ञानिकों के लिये उत्सुकता का केंद्र बना हुआ है. स्वामी निर्विकल्पानंद ( जिन्हे भक्त प्रेम से निखिल महाराज बुलाते हैं) अपने पूरे जीवन अत्याधुनिक जैविक खेती जैसे की वर्मीकम्पोस्ट , जीवामृत , बीजामृत इत्यादि जैविक प्रकल्पो पर व्यावहारिक कार्य करते आये हैं. उनकी ख्याति बंगाल से लेकर उत्तर भारत में अपने विविध जैविक खेती के कार्यो के लिये बहुत लम्बे समय से रही है. हमें उनके ही भक्त और शिष्य विक्रमादित्य सिंह से जब यह खेती के चमत्कारिक चित्र प्राप्त हुए तो हम भी हक्के बक्के रह गए. मूलियों और आलू के साथ साथ इतने बड़े चुकंदर जो आश्रम के खेत से निकल रहे हैं उन्हें देखकर हमने सोचा क्यों न आप सबके बीच जैविक कृषि के वास्तविक प्रयोगों को रखा जाए.



स्वामीजी के शिष्य विक्रमादित्य सिंह जिन्हे उत्तराखंड सरकार से स्टार्टअप पुरस्कार (2018) तथा युवा दिवस के उपलक्ष्य पर युवा एचीवर का सम्मान स्वयं मुख्यमंत्री ने दिया (2020) अपने समस्त कार्यो का सारा श्रेय स्वामीजी को देते हैं जिनसे उन्होंने जैविक खाद वर्मीकम्पोस्ट , जीवामृत , बीजामृत तथा कीटनाशक की विधिया तथा व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त करके लागू किया. इस कार्य में उनके अभिन्न मित्र तथा उनके मुख्य प्रशिक्षक अमरेश गिरी भी रहे हैं. दोनों के दोनों इस महान कृषक संत स्वामीजी निखिल महाराज के भक्त एवं शिष्य हैं. हरिद्वार आश्रम में प्रवास करते हुए स्वामीजी ने वहाँ के खेतों से जो मिटटी के छुपे ख़ज़ाने निकाले वह आपके सामने हैं. और क्या बताएं यह खबर किसानो तथा जनसामान्य के लिये अद्भुत भी है और प्रोत्साहक भी. तथा यह खबर उन लोगों को भी पढाईये जो यह मानते हैं की जैविक खेती से कुछ नहीं होता.  और हाँ स्वामीजी से मिलने और उनके कार्यो के देखने के लिये आप कभी भी समय निकालकर रामकृष्ण मिशन आश्रम हरिद्वार जा सकते हैं. जय जवान जय किसान….. संत ऋषि मुनियो की जय






 

 

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