सेटेलाइट तकनीक से फसल बर्बादी की सैपलिग ली जायेगी

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सेटेलाइट तकनीक से फसल बर्बादी की सैपलिग ली जायेगी

By  एडमिन

उन्नाव : उत्तर-पश्चिम विक्षोभ से प्रदेश में रबी की फसल को बारिश और ओलावृष्टि से अधिक नुकसान हुआ है। सरकार किसानों का मुआवजा जल्द उनके खातों में पहुंचाने के लिए सेटेलाइट तकनीक से फसल बर्बादी की सैपलिग करेगी। इससे सही समय पर किसानों को मुआवजा मिलेगा। इसके लिए रिमोट सेंसिग डिवाइस की मदद से बर्बाद फसल की तस्वीर ली जाएगी और बीमा कंपनी तथा कृषि विभाग को डाटा तैयार करने में देर नहीं लगेगी। किसानों को 14 दिन के भीतर नुकसान का मुआवजा मिल सकेगा।

रिमोट सेंसिंग डिवाइस से जिस तरह पराली जलाने का आकलन हो सका है उसी तरह फसल बर्बादी की तस्वीर साफ की जाएगी। निदेशालय पर लगी रिमोट सेंसिग डिवाइस अक्षांश व देशांतर की फोटो जिलों के कृषि विभाग को देगा जिससे सही समय पर फसल बर्बादी की जानकारी हो सकेगी। बीमा कंपनियां भी कम समय में सर्वे पूरा कर सकेंगी। अभी हाल यह है कि फसल बर्बादी के सर्वे को लेकर क्राप कटिग का सर्वे तथा उसके बाद डाटा तैयार होता है। इससे फसल का मुआवजा देर से मिल पाता है। किसान फसल की बर्बादी को लेकर सूचना भी देते हैं लेकिन सर्वे क्राप कटिग पर ही होता है। नई तकनीक से समय की बचत होगी। जिन किसानों की 33 फीसद से अधिक फसल बर्बाद हो चुकी है, उन्हें 14 दिन के भीतर मुआवजा मिल सकेगा। अभी एक से दो माह तक इंतजार करना पड़ता है।

सेटेलाइट से फसल बर्बादी को लेकर लोकेशन लेने की कवायद चल रही है। यह तकनीक उसी तरह काम करेगी जिस तरह पराली जलाने को लेकर अक्षांश और देशांतर की तस्वीर व आंकड़े भेजे जाते हैं। इस व्यवस्था से किसानों को कम समय में ही मुआवजा मिल सकेगा।

– डा. नंदकिशोर, उप निदेशक कृषि

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