धनुष भंग कार्यक्रम का 112 वां आयोजन धूमधाम से मनाया गया

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धनुष भंग कार्यक्रम का 112 वां आयोजन धूमधाम से मनाया गया

     

रिपोर्ट -आरपीएस इंडिया प्रमुख संवाददाता गिरीश त्रिपाठी

उन्नाव
अचलगंज थाना क्षेत्र के गांव पडरी में पारंपरिक रूप से बालेश्वरी देवी मंदिर प्रांगण में होने वाले उद्भव कार्यक्रम का 112 वां आयोजन धूमधाम से मनाया गया कार्यक्रम में आए कलाकारों ने जीवंत प्रदर्शन कर लोगों का मन मोहा.स्मीन, परशुराम और रावण व बाणासुर का संवाद सुनकर लोगों के रोंगटे खड़े हो गए।
धनुष टूटते ही आवेश में परशुराम ने जनकपुर पहुंचते हुए कहा कि “कह जड़ जनक धनुष केहि तोरा” चारों ओर परसुराम का उग्ररूप देखकर सन्नाटा छा गया।उग्र रूप देखकर लक्ष्मण जी ने कहासुराम से कहा ‘”छुपते हुए रघुपतिहि न दोषु।” हुआ था जो रघुनाथ जी के छूटे ही टूट गया परशुराम ने उग्र होते हुए कहा कि “रे नृप बालक काल बस बोलत तोहि न संभार, धनुही सम त्रिपुरारी धनु विदित सकल संसार।” दोनों पक्षों के जबरदस्त संवादों का लोगों ने जमकर आनंद उठाया। राम का अभिनय अवनीश कानपुर द्वारा अभिनीत किया गया लाल प्रदीप कानपुर, विश्वामित्र कृष्ण स्वरूप कानपुर, रावण ओम प्रकाश, बाणासुर सुखस्वरूप शुक्ला जनक छन्नूलाल त्रिवेदी, परशुराम जितेन्द्र पांडेय कानपुर, कौशिक तांकू कनपुरी, व्यास उमेश त्रिपाठी, तिलक डिस्को, दीपक तिवारी
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में पहुंचे बिलरामऊ विधायक श्रीकांत कटियार ने कहा कि भारतीय परंपराओं में मेला में आयोजित होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों का अपना महत्व है। कार्यक्रम भारतीय संस्कृति के ध्वजवाहक हैं। कार्यक्रमो से ऊँच-नीच का भेदभाव समाप्त होता है ।समाजिक समरसता बढ़ती है ।भारतीय संस्कृति को अक्षुण्ण रखने के लिए हमेशा हम सभी को प्रयास करना चाहिए, कभी सनातन संस्कृति अपनी अच्छाइयों के कारण विश्व के अधिकांश देशों में थी। भारतीय संस्कृति को कमजोर करने के लिए विदेश से आये आक्रांताओ ने पूरे प्रयास किए लेकिन फिर हम भी खड़े हुए हैं। हमें चाहिए कि आक्रांताओं द्वारा जो कुरितियों हमारी संस्कृत में शतक हो गए हैं उन्हें समाप्त करने के लिए पूरे प्रयास करने के लिए। इसमें सभी वर्ग जाति के लोगों का सहयोग होना चाहिए। पूर्व मंत्री डॉ। गंगा बक्स सिंह ने कहा कि विभिन्न गतिविधियों को सहेजे हमारी संस्कृति विश्व की सबसे सुंदर गतिविधियों में है। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से छन्नूलाल त्रिवेदी, अनिल कुशवाहा, उत्तमचंद लोधी, रमन अवस्थी, भोला त्रिवेदी, के के वर्मा, विकास मिश्रा, महेंद्र पांडेय, कौशल किशोर पांडेय, उमेश दीक्षित, गुड्डू, पप्पू त्रिवेदी आदि रहे।

 

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