करवा चौथ का ब्रत क्यो किया जाता है और शुभ मुहूर्त क्या है

Listen to this article

करवा चौथ का ब्रत क्यो किया जाता है और शुभ मुहूर्त क्या है

ज्यो0 रघुनाथ प्रसाद शास्त्री

करवा चौथ का व्रत केवल सुहागिन या ऐसी महिलाएं ही कर सकती हैं जिनका रिश्ता हो गया है. पति या मंगेतर के लिए किया गया व्रत बेहद फलदायी माना जाता है

कुछ चीजों का प्रयोग है वर्जित

करवा चौथ का व्रत रखने वाली महिलाओं को नुकीली चीजों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. सुई-धागे का काम न करें. कढ़ाई, सिलाई या बटन लगाने का काम आज के दिन न ही करें तो अच्छा है.

व्रत से पहले खाएं इन चीजों को

शरीर में फाइबर की पर्याप्त मात्रा इंसान की भूख को लंबे समय तक कंट्रोल कर सकती है. इसलिए व्रत से एक दिन पहले ऐसी चीजें खाएं जिनमें फाइबर ज्यादा होता है. इसके लिए एवोकाडो, दाल, राजमा, ओट्स और चिया सीड्स सबसे बेहतरीन चीजें होती हैं.

इन चीजों को खाने से करें परहेज

अगर आप करवा चौथ या किसी भी कठिन व्रत का संकल्प लेने जा रहे हैं तो एक दिन पहले कुछ चीजों का सख्त परहेज करना होगा. व्रत से एक दिन पहले ऐसी चीज बिल्कुल न खाएं, जिसे पचा पाना शरीर के लिए मुश्किल हो. ऐसे में मांस, फ्राई फूड और कई तरह के डेयरी प्रोडक्ट्स खाने से बचना चाहिए.

इस दिन मनाया जाता है करवाचौथ

करवाचौथ, कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है. इस दिन शादीशुदा महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत करती हैं और उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं.

ऐसे होता है करवा चौथ का व्रत

करवा चौथ व्रत के दौरान महिलाएं सूर्योदय से सूर्यास्त तक कुछ भी खाती-पीती नहीं हैं. शाम को छलनी से चांद को देखा जाता है. व्रत करने वाली महिलाएं चंद्रमा को अर्घ्य देती हैं. इसके बाद पति से जल ग्रहण कर पत्नियां अपना व्रत पूरा करती हैं.

चांद को देखकर खोला जाता है व्रत

इस व्रत को पंजाब से लेकर उत्तर प्रदेश, हरियाणा मध्य प्रदेश और राजस्थान में मनाया जाता है. हालांकि, आजकल यह त्यौहार लगभग हर कोई मनाने लगा है. इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत करती हैं. फिर रात में चंद्रमा दर्शन के बाद ही व्

आराम करके बिताएं दिन

गर्भवती महिलाएं आराम करके आसानी से दिन व्यतीत कर सकती हैं. सुबह सरगी के बाद दिनभर आराम करें और शाम को पूजा के समय उठ जाएं. इस तरह से शरीर में थकान भी नहीं रहेगी और दिन भी आसानी से बीत जाएगा.

दूध का सेवन करें

सरगी के दौरान भूलवश भी चाय या कॉफी न लें, यह पूरा दिन नुकसान पहुंचा सकते हैं. खाली पेट इनका सेवन करने से पेट में गर्मी बढ़ सकती है,साथ ही गैस की समस्या भी हो सकती है, इसलिए दूध का ही सेवन करें.

पूरे दिन भूखे न रहें

गर्भावस्था में पूरे दिन भूखे रहकर व्रत करने का कोई विकल्प नहीं होता है. यह शरीर के लिए ठीक नहीं होता है इसलिए थोड़े फल और सूखे मेवे खा लेने से शरीर में ऊर्जा बनी रहती है. फलों का नमक के साथ सेवन न करें.

गर्भावति महिलाओं के लिए परामर्श है आवश्यक

गर्भावस्था में व्रत रखने जा रहे हैं, तो बेहद जरूरी है कि अपने डॉक्टर से परामर्श ले लें. आपकी डॉक्टर आपकी सेहत को बखूबी जानती हैं. यदि थोड़ी भी समस्या है और वे अनुमति नहीं दे रही हैं तो फिर व्रत रखने का विचार त्याग दें

गणेश जी की पूजा से व्रत की शुरुआत

करवा चौथ के दिन प्रथम पूज्य गणेश जी की पूजा से व्रत की शुरुआत की जाती है.

दोपहर में या शाम को कथा

इस दिन महिलाएं दोपहर में या शाम को कथा सुनने का काम करतीं हैं. कथा के लिए पटरे पर चौकी में जलभरकर रखा जाता है. थाली में रोली, गेंहू, चावल, मिट्टी का करवा, मिठाई, बायना का सामान आदि रखा जाता है.

पूरे दिन महिलाएं निर्जला रहतीं हैं

इस व्रत में पूरे दिन महिलाएं निर्जला रहतीं हैं. व्रत में पूरा श्रृंगार किया जाता है.

यहां जानें करवा चौथ की पूजन सामग्री

कल करवा चौथ का व्रत सुहागिनें रखेंगी. इसके लिए आज ही सारी पूजन सामग्री को इकट्ठा करके घर के मंदिर में रख दें. पूजन सामग्री इस प्रकार है. मिट्टी का टोंटीदार करवा व ढक्कन, पानी का लोटा, गंगाजल, दीपक, रूई, अगरबत्ती, चंदन, कुमकुम, रोली, अक्षत, फूल, कच्चा दूध, दही, देसी घी, शहद, चीनी, हल्‍दी, चावल, मिठाई, चीनी का बूरा, मेहंदी, महावर, सिंदूर, कंघा, बिंदी, चुनरी, चूड़ी, बिछुआ, गौरी बनाने के लिए पीली मिट्टी, लकड़ी का आसन, छलनी, आठ पूरियों की अठावरी, हलुआ और दक्षिणा के पैसे.

सरगी में आपको इन चीजों को करना चाहिए शामिल

सरगी में आप सेवई या खीर खा सकती हैं. यह दूध की बनती है और दूध में प्रोटीन होता है. दिनभर आपके शरीर में प्रोटीन बनाए रखने के लिए करवाचौथ की शुरुआत सेवई खाकर जरूर करें.

जानें सरगी में क्या होनी चाहिए शामिल

सरगी में मिठाइयां, मठरी, सेवइयां या फिरनी, सूखे मेवे, नारियल, पूरी या परांठे, कढ़ी और एक गिलास जूस या नारियल का पानी शामिल करना चाहिए. फल बहुत जल्दी पच जाते हैं लेकिन कम समय में जरूरी पोषण और ऊर्जा के लिए ये जरूरी हैं. रोटी के साथ हरी सब्जी और सलाद जरूर लें, यह भी दिन भर ऊर्जा देने के साथ ही पोषण की आपूर्ति करेगा.

जानें कैसे सजाएं पूजा की थाली

चंद्रमा के दर्शन के लिए थाली सजाएं. थाली मैं अक्षत, कुमकुम, दीपक, सिन्दूर, रोली तथा चावल की बनी मिठाई या सफेद मिठाई रखें. संपूर्ण श्रृंगार करें और करवे में जल भर लें. इसके बाद मां गौरी और गणेश की पूजा करें. चंद्रमा के निकलने पर छलनी से या जल में चंद्रमा को देखें. अर्घ्य दें, करवा चौथ व्रत की कथा सुनें. उसके बाद अपने पति की लंबी आयु की कामना करें. अपनी सास या किसी वयोवृद्ध महिला को श्रृंगार का सामान दें तथा उनसे आशीर्वाद लें.

क्या होती है सरगी

कुछ परंपरा इस पर्व का जरूरी हिस्सा होती हैं. इनमें सरगी भी एक है. सरगी भोजन की एक थाली को कहा जाता है जो की सास अपनी बहू को देती है. बहू सरगी को प्रसाद समझ ग्रहण करने के बाद ही करवा चौथ का व्रत रखती है. यदि घर में सास नहीं है तो जेठानी या बड़ी ननद या कोई भी बुजुर्ग महिला इसे देती है. सरगी खाने का खास मकसद है कि पूरा दिन व्रत के दौरान बॉडी में एनर्जी बनी रहे.

करवा चौथ के नियम

केवल सुहागिनें या जिनका रिश्ता तय हो गया है, वहीं महिलाएं ये व्रत रख सकती हैं. यह व्रत सूर्योदय से चंद्रोदय तक निर्जल रखा जाता है. व्रत रखने वाली कोई भी महिला काला या सफेद वस्त्र नहीं पहनती हैं. लाल वस्त्र सबसे अच्छा है. पीला भी पहना जा सकता है. इस दिन पूर्ण श्रृंगार और पूर्ण भोजन जरूर करना चाहिए.

करवा चौथ में चंद्रमा की पूजा का है महत्व

धार्मिक मान्यता है कि चंद्रमा को आयु, सुख और शांति का कारक माना जाता है. चंद्रमा की पूजा से वैवाहिक जीवन सुखी होती है और पति की आयु लंबी होती है.

सूर्योदय से पहले खा लेनी चाहिए सरगी

मान्यता है कि सूर्योदय से पहले सरगी खा लेनी चाहिए. यह सरगी सास बहू को देती है. सरगी खाते समय दक्षिण दिशा की ओर मुंह करना शुभ होता है.
ज्योतिष के जानकार रघुनाथ प्रसाद शास्त्री ने बताया करवा चौथ का शुभ मुहूर्त

चतुर्थी तिथि प्रारंभ – सुबह 4 बजकर 24 मिनट पर (4 नवंबर 2020)
चतुर्थी तिथि समाप्त – सुबह 6 बजकर 14 मिनट पर  (5 नवंबर 2020) 
चंद्रोदय का समय – रात 8 बजकर 16 मिनट पर

शुभ मुहूर्त

करवा चौथ की पूजा का शुभ मुहूर्त 4 नवंबर दिन बुधवार की शाम 05 बजकर 29 मिनट से शुरू हो जाएगा. यह शाम 06 बजकर 48 मिनट तक रहेगा. चंद्रोदय शाम 7 बजकर 57 म‍िनट पर होगा.

चंद्र दर्शन के बाद खोलें व्रत

करवा चौथ का व्रत रात के समय चंद्र देव की पूजा और अर्घ्य देकर ही संपन्न होता है. छलनी पर दीया रखकर चंद्रमा को देखें और फिर पति के चेहरे को देखकर व्रत खोलें जानें की मान्यता है.

करवा चौथ के दिन सरगी का भी है विशेष महत्व

करवा चौथ के दिन सरगी का भी विशेष महत्व है. इस दिन व्रत करने वाली महिलाएं और लड़कियां सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करने के बाद सरगी खाती हैं. सरगी आमतौर पर सास तैयार करती है. सरगी में सूखे मेवे, नारियल, फल और मिठाई खाई जाती है. अगर सास नहीं है तो घर का कोई बड़ा भी अपनी बहू के लिए सरगी बना सकता है, जो लड़कियां शादी से पहले करवा चौथ का व्रत रख रही हैं. उसके ससुराल वाले एक

विज्ञापन बॉक्स