कानपुर के थाना क्षेत्र चौबेपुर के बिकरू गाँव में दबिश पर गई पुलिस टीम पर बदमाशों ने ताबड़तोड़ बरसाई गोलियां

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कानपुर के थाना क्षेत्र चौबेपुर के बिकरू गाँव में दबिश पर गई पुलिस टीम पर बदमाशों ने ताबड़तोड़ बरसाई गोलियां

बदमाशों की गोली का शिकार हुए 8 पुलिसकर्मी जिनमेँ एक सीओ -दो एसओ और एक चौकी इंचार्ज समेत 5 सिपाही शहीद

एसओ सहित करीब आधा दर्जन पुलिसकर्मी घायल

बदमाशों को दबोचने के लिए पड़ोसी जिले से भारी पुलिस बल तैनात घटनास्थल पर यूपी एसटीएफ की टीम भी मौजूद

आधा दर्जन से अधिक बदमाशों ने योजना बनाकर पुलिस टीम को निशाना बनाया

शहीद पुलिसकर्मियों को मुख्यमंत्री ने दी श्रद्धांजलि

     

रिपोर्ट~ गिरीश त्रिपाठी स्वतंत्र पत्रकार

लखनऊ
कानपुर पुलिस गुरुवार की देर रात कुख्यात हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को उसके गांव बिकरु दबिश देकर सीओ के नेतृत्व में पकड़ने गई थी।जहाँ बदमाश और उसके साथियों ने थाना चौबेपुर एवं बिठूर पुलिस पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। इस घटना में सीओ बिल्हौर देवेंद्र मिश्रा तथा थाना प्रभारी शिवराजपुर महेश यादव एक चौकी इंचार्ज समेत आठ पुलिसकर्मियों की गोली लगने से हुई मौत हो गई और थानाध्यक्ष बिठूर कौशलेंद्र प्रताप सहित कई पुलिस कर्मी गम्भीर रूप से हुए घायल हुए जिनका इलाज रीजेंसी कानपुर में चल रहा है ।विकास दुबे ने वर्ष 2003 में भाजपा सरकार में ही राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त श्रम संविदा बोर्ड के चेयरमैन की शिवली थाने में घुस कर हत्या कर दी थी।घटना को लेकर कानपुर प्रशासन में हड़कंप मच गया।जिले की सभी सीमाएं सील कर चप्पे चप्पे पर पुलिस तैनात कर दी गई और बदमाशों की घेराबंदी के लिए कई जनपदों की पुलिस सीमाओं पर सक्रिय कर दी गई।
बताते चलेगी उत्तर प्रदेश के कानपुर में दबिश देने गई पुलिस टीम पर हमला कर 8 पुलिसकर्मियों को शहीद करने वाले हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे का जघन्य आपराधिक इतिहास रहा है।बचपन से ही वह अपराध की दुनिया में अपना नाम बनाना चाहता था।पहले उसने गैंग बनाया और लूट, डकैती, हत्याएं करने लगा। कभी बसपा से तालुक रखने वाले कुख्यात अपराधी विकास दुबे प्रधान और जिला पंचायत सदस्य रह चुका है। भाजपा के दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री के मर्डर, पुलिस से AK 47 लूटने, गवाहो के मर्डर करने जैसे गंभीर अपराधो की लम्बी लिस्ट है। लगभग प्रमुख पार्टी मे मजबूत पकड़ रखता है। पुलिस पर हमला करने मे विकास अकेला नही हो सकता। पुलिस के उपर तबाडतोड फायरिंग हुई।
सबसे बड़ी बात ये रही कि पुलिस का रस्ता रोकने के लिए जेसबी लगा दी गई। साफ है कि पुलिस की इस दबिश की योजना की खबर थी उसको।आखिर ये खबर दी किसने? छतों से की गई गोलीबारी में देवेंद्र कुमार मिश्र,सीओ बिल्हौर महेश यादव,एसओ शिवराजपुर ,
अनूप कुमार,चौकी इंचार्ज मंधना
,नेबूलाल, सब इंस्पेक्टर शिवराजपुर ,सुल्तान सिंह कांस्टेबल थाना चौबेपुर , राहुल ,कांस्टेबल बिठूर
जितेंद्र,कांस्टेबल बिठूर
बबलू कांस्टेबल बिठूर शहीद हो गए और गोली लगने से उपनिरीक्षक कौशलेंद्र प्रताप उपनिरीक्षक सुधाकर पांडे आरक्षी अजय सिंह सेंगर आरक्षी अजय कुमार कश्यप और आरक्षी शिव मूरत निषाद घायल हुए जिन का इलाज कानपुर रीजेंसी में चल रहा है।बताया जाता है कि घटना वाली जगह पर एक और मुठभेड़ में विकास दुबे का मामा प्रेम प्रकाश पाण्डेय और उसका साथी अतुल दुबे सहित तीन लोग पुलिस से मुठभेड़ में मारे गए है।कानपुर के चौबेपुर एक ही थाने में दर्ज हैं विकाश दुबे पर 60 से ज्यादा मुकदमे।जब19 साल पहले उसने थाने में घुसकर एक दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री की हत्या की और इसके बाद उसने राजनीति में एंट्री लेने की कोशिश की थी।लेकिन, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। विकास कई बार गिरफ्तार हुआ, एक बार तो लखनऊ में एसटीएफ ने उसे दबोचा था।कानपुर देहात के चौबेपुर थाना क्षेत्र के विकरू गांव का निवासी विकास के बारे में बताया जाता है कि उसने कई युवाओं की फौज तैयार कर रखी है. इसी के साथ वह कानपुर नगर से लेकर कानपुर देहात तक लूट, डकैती, मर्डर जैसे जघन्य अपराधों को अंजाम देता रहा है। जानकारी के अनुसार, कानपुर में एक रिटायर्ड प्रिंसिपल सिद्धेश्वर पांडेय हत्याकांड में इसको उम्र कैद हुई थी।

कहा जाता है शिवली का डॉन

यही नहीं पंचायत और निकाय चुनावों में इसने कई नेताओं के लिए काम किया और उसके संबंध प्रदेश की सभी प्रमुख पार्टियों से हो गए। 2001 में विकास दुबे ने बीजेपी सरकार में एक दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री संतोष शुक्ला को थाने के अंदर घुसकर गोलियों से भून डाला था।इस हाई-प्रोफाइल मर्डर के बाद शिवली के डॉन ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया और कुछ माह के बाद जमानत पर बाहर आ गया।

नगर पंचायत चुनाव जीता

इसके बाद इसने राजनेताओं के सरंक्षण से राजनीति में एंट्री की और नगर पंचायत अध्यक्ष का चुनाव जीत गया था। जानकारी के अनुसार, इस समय विकास दुबे के खिलाफ 52 से ज्यादा मामले यूपी के कई जिलों में चल रहे हैं. पुलिस ने इसकी गिरफ्तारी पर 25 हजार का इनाम रखा हुआ था।हत्या व हत्या के प्रयास के मामले पर पुलिस इसकी तलाश कर रही थी।
*लखनऊ में एसटीफ ने पकड़ा था*
विकास दुबे पुलिस से बचने के लिए लखनऊ स्थित अपने कृष्णा नगर के घर पर छिपा हुआ था। शासन ने कुख्यात हिस्ट्रीशीटर को पकड़ने के लिए लखनऊ एसटीएफ को लगाया था। कुछ समय पहले ही एसटीएफ ने उसे कृष्णा नगर से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। अब एक बार फिर जेल से निकलने के बाद बड़ी घटना को अंजाम दिया है।
घटनापर प्रदेश के डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने कहा कि हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के खिलाफ धारा 307 के तहत मामला दर्ज किया गया था। पुलिस उसे गिरफ्तार करने गई थी।जेसीबी को वहां लगा दिया गया जिससे हमारे वाहन बाधित हो गए। फोर्स के उतरने पर अपराधियों ने गोलियां चलाईं।
जवाबी फायरिंग हुई लेकिन अपराधी ऊंचाई पर थे, इसलिए हमारे 8 लोगों की मौत हो गई।
हमारे लगभग 7 आदमी घायल हो गए। ऑपरेशन अभी भी जारी है
आईजी, एडीजी, एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) को ऑपरेशन की निगरानी के लिए वहां भेजा गया है।कानपुर से फॉरेंसिक टीम मौके पर थी, लखनऊ से एक विशेषज्ञ टीम भी भेजी जा रही है।एसटीएफ को तैनात किया गया है। आईजी- एसटीएफ मौके पर पहुंच रहे हैं। कानपुर एसटीएफ पहले से ही काम पर है। बड़े पैमाने पर ऑपरेशन चल रहा है। एडीजी (एलओ) प्रशांत कुमार ने एक बयान में कहा कि पुलिस की तरफ से चूक हुई।इस मामले की भी जांच होगी,हत्यारे विकास को खोजा जा रहा है कानपुर में जगह-जगह पर छापेमारी की का रही है।विकास दुबे का एक साथी हिरासत में है।सभी बॉर्डर सील,वाहनों की चेकिंग की का रही है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनपद कानपुर नगर में कर्तव्यपालन के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वाले 8 पुलिस कर्मियों को भावभीनी श्रद्धाञ्जलि दी है।पुलिस कार्मिको की शहादत को शत् शत् नमन करते हुए मुख्यमंत्री ने इनके शोक संतप्त परिजनों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की है।मुख्यमंत्री ने पुलिस महानिदेशक को इस दुर्दांत घटना को अंजाम देने वाले अपराधियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही करने तथा तत्काल मौके की रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।

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