यूपी बोर्ड : तत्काल नहीं मिलेगा इस बार अंकपत्र और प्रमाणपत्र, कोरोना संकट की वजह से बोर्ड ने लिया निर्णय

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यूपी बोर्ड : तत्काल नहीं मिलेगा इस बार अंकपत्र और प्रमाणपत्र, कोरोना संकट की वजह से बोर्ड ने लिया निर्णय।

      प्रयागराज

यूपी बोर्ड परीक्षा 2020 का परिणाम जारी होने के साथ अबकी बोर्ड की ओर से परीक्षार्थियों को अंकपत्र-प्रमाण पत्र तत्काल नहीं जारी किया जाएगा। यह निर्णय कोरोना संकट को देखते हुए लिया गया है। अब तक बोर्ड की ओर से परिणाम जारी होने के बाद 15 दिनों के भीतर अंकपत्र-प्रमाण पत्र स्कूलों को भेज दिए जाते थे। अबकी कोरोना संकट की वजह से अंकपत्र-प्रमाण पत्र छपने में परेशानी हो रही है, इसीलिए स्कूलों से कहा गया है कि वे डिजिटल हस्ताक्षर वाले अंकपत्र-प्रमाण पत्र वेबसाइट से डाउनलोड करके छात्रों को वितरित करें। डिजिटल हस्ताक्षर वाले प्रमाण पत्र, प्रवेश लेने से लेकर नौकरी तक में मान्य होंगे। बोर्ड पहले इंटरमीडिएट पास करने वाले परीक्षार्थियों को डिजिटल प्रमाण पत्र उपलब्ध कराएगा, जिससे उन्हें प्रवेश लेने में परेशानी न हो।

यूपी बोर्ड : अंक सह प्रमाणपत्र को करना पड़ सकता है इंतजार, कोरोना संक्रमण की वजह से प्रिंट होकर आने में लग सकता है समय।

कोरोना संक्रमण काल में यूपी बोर्ड फिर आधार कार्ड बनाने जा रहा है। एक और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) जैसे बड़े संस्थान की परीक्षाएं लंबित हैं। वहीं, दूसरी ओर परीक्षार्थियों की संख्या के हिसाब से दुनिया का सबसे बड़ा बोर्ड हाईस्कूल व इंटरमीडिएट का रिजल्ट एक साथ 27 जून को जारी चुका है। शनिवार दोपहर बाद करीब 51 लाख से ज्यादा परीक्षार्थियों का परिणाम वेबसाइट पर था। माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) समय पर परीक्षा और परिणाम देने के लिए चर्चित रहा है। इस बार कोरोना संकट से उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में विलंब हुआ, इसलिए रिजल्ट अब देर से आया है। बोर्ड सूत्रों के मुताबिक परीक्षा परिणाम तैयार कराने में कई एजेंसियां लगाई गईं। रिजल्ट घोषित होते ही वेबसाइट पर दिखने लगा लेकिन, अंक सह प्रमाणपत्र के लिए उन्हें कुछ इंतजार करना पड़ सकता है। बोर्ड प्रशासन अंक व प्रमाणपत्र भी समय पर उपलब्ध कराने का प्रयास कर रहा है। प्रत्येक वर्ष बोर्ड रिजल्ट के साथ अंक सह प्रमाणपत्र वितरण की घोषणा करता है, जिसमें इस मर्तबा विलंब हो सकता है।
पहली बार ओएसडी की निगरानी में रिजल्ट : बोर्ड के इतिहास में पहला मौका है जब हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के परिणाम के समय शासन की ओर से विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) नियुक्त हुआ है। ओएसडी दिव्यकांत शुक्ल भी मौजूद रहें। पहले सचिव की सेवानिवृत्ति के बाद दूसरे अफसर तैनात होते रहे हैं या दूसरा अधिकारी तबादला या सेवानिवृत्त बाद बोर्ड पहुंचा । मौजूदा ओएसडी एक जुलाई से प्रभारी सचिव होंगे।