यूपी के प्रमुख शहर हवाई सेवा से जुड़ेंगे, 30 से 40 मिनट में एक-दूसरे शहर में आ जा सकेंगे लोग

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यूपी के प्रमुख शहर हवाई सेवा से जुड़ेंगे, 30 से 40 मिनट में एक-दूसरे शहर में आ जा सकेंगे लोग

       

रिपोर्ट~ गिरीश त्रिपाठी स्वतंत्र पत्रकार

लखनऊ
रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम (आरसीएस) के तहत राज्य में विकसित किए जा रहे नए एयरपोर्टों से विमान सेवाएं तय करने के लिए एयरलाइंसों के साथ संवाद स्थापित किया जा रहा है।
राज्य सरकार की इस कोशिश से प्रदेश के सभी प्रमुख शहर खासकर मंडल मुख्यालय लखनऊ के साथ ही आपस में और देश के प्रमुख शहरों से हवाई सेवा से जुड़ जाएंगे। महज 30 से 40 मिनट में लोग एक-दूसरे शहर में आने जाने लगेंगे। नागरिक उड्डयन मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ के मुताबिक झांसी एयरपोर्ट का काम इसी साल पूरा हो जाएगा। चित्रकूट, अलीगढ़, मुरादाबाद और आजमगढ़ के एयरपोर्ट भी 2021 में उड़ानों के लिए तैयार मिलेंगे।
*भाजपा सरकार में मिलें तीन नए एयरपोर्ट, दोगुने से भी अधिक उड़ानें*
–2017 में सरकार बनने पर राज्य में सिर्फ चार एयरपोर्ट लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर और आगरा से विमान सेवाएं थीं।
-चारों एयरपोर्टों से कुल 25 उड़ानें थीं जिनमें सात अंतरराष्ट्रीय उड़ानें भी शामिल हैं।
-इन चार एयरपोर्टों से 51 उड़ाने, 12 अंतरराष्ट्रीय उड़ानें
-8 दिसंबर 2018 को प्रयागराज एयरपोर्ट शुरू हुआ, छह उड़ाने
-कानपुर एयरपोर्ट से तीन उड़ानें शुरू की गईं।
-हिंडन के नए सिविल इंक्लेव से 10 मार्च 2019 से एक उड़ान है।
-बरेली का नया सिविल इन्क्लेव 10 मार्च 2019 को शुरू हुआ। यहां से अभी कोई उड़ान नहीं है।
-राज्य के इन आठ एयरपोर्टों से इस समय 61 उड़ानें हैं।
आठ नए एयरपोर्टों का निर्माण चल रहा है
इस समय में आजमगढ़, अलीगढ़, मुरादाबाद तथा श्रावस्ती में राजकीय निर्माण निगम द्वारा एयरपोर्ट बनाने का काम चल रहा है। काम बहुत हद तक पूरा कर लिया गया है। वहीं चित्रकूट, म्योरपुर (सोनभद्र) और झांसी में भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण द्वारा एयरपोर्ट का निर्माण कार्य चल रहा है। झांसी एयरपोर्ट के विकास में प्राधिकरण रक्षा मंत्रालय के समन्वय से काम कर रहा है। कुशीनगर में राइट्स लि. एयरपोर्ट का विकास कर रहा है। सरसावां (सहारनपुर) में एयरपोर्ट के विकास के लिए जमीन की खरीद की जा चुकी है। अयोध्या एयरपोर्ट के विकास के लिए भूमि की खरीद की जा रही है। गाजीपुर और मेरठ में भी आरसीएस के तहत एयरपोर्ट बनाया जाना प्रस्तावित है।
प्रमुख शहरों से लखनऊ के लिए विमान सेवाएं हैं प्रस्तावित
विकसित किए जा रहे एयरपोर्टों में से आजमगढ़ से लखनऊ, अलीगढ़ से लखनऊ, बरेली से लखनऊ, चित्रकूट से लखनऊ, झांसी से लखनऊ, म्योरपुर (सोनभद्र) से लखनऊ के लिए विमान सेवाएं प्रस्तावित की गई हैं। बरेली से दिल्ली, मुरादाबाद से लखनऊ और श्रावस्ती से लखनऊ के लिए उड़ान के लिए पहले से विमान कंपनी का चयन किया जा चुका है।
बुद्ध अनुयायी और पर्यटकों का यूपी आना आसान होगा
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री का अभिनंदन करते हुए कहा है कि महात्मा बुद्ध की निर्वाण स्थली कुशीनगर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट बन जाने पर पूर्वांचल के विकास को गति मिलेगी। यह गौरव का विषय है कि महात्मा बुद्ध के जीवन से जुड़े कई महत्वपूर्ण स्थल यहां हैं। कुशीनगर, सारनाथ, श्रावस्ती, कपिलवस्तु तथा संकिसा उत्तर प्रदेश में हैं। वहीं बुद्ध की जन्मस्थली लुम्बिनी तथा तपोस्थली बोधगया भी दूर नहीं है। प्रदेश में बुद्ध से जुड़े स्थलों को बौद्ध सर्किट के माध्यम से जोड़ने का काम किया जा रहा है। इस सर्किट से देश-विदेश के पर्यटकों तथा श्रद्धालुओं को इन स्थलों पर पहुंचने में आसानी होगी। इस प्रयास में कुशीनगर का इंटरनेशनल एयरपोर्ट का बड़ा योगदान रहेगा।
एयरपोर्ट के चालू होने पर बढ़ेंगे रोजगार के अवसर
मुख्यमंत्री ने कहा है कि इस हवाई अड्डे के चालू होने पर थाईलैंड, जापान, वियतनाम, म्यामांर, कोरिया, श्रीलंका, ताईवान सहित विश्व के तमाम देशों बुद्ध अनुयायी व पर्यटकों को प्रदेश के बौद्ध स्थलों के भ्रमण में सुविधा होगी। इस एयरपोर्ट से बड़ी संख्या में रोजगार का सृजन होगा। कुशीनगर एयरपोर्ट की स्थापना के लिए प्रदेश सरकार ने 590 एकड़ भूमि क्रय की है। राज्य सरकार द्वारा 190 करोड़ रुपे की धनराशि इसके लिए अवमुक्त किया गया था।

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