राज्य अनुदानित मदरसा शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की भी होगी जांच

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राज्य अनुदानित मदरसा शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की भी होगी जांच

   

रिपोर्ट~ गिरीश त्रिपाठी स्वतंत्र पत्रकार

लखनऊ
अनामिका शुक्ला मामले के बाद मेडिकल और शिक्षा संस्थानों में जांच शुरू है।
अरबी, फारसी मदरसों के सभी स्तर के शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की होगी जांच।
जांच की कार्ययोजना बनाकर 2 दिन के अंदर मुख्यमंत्री कार्यालय को सूचित करने के निर्देश दिए गए हैं।विशेष सचिव जेपी सिंह ने मदरसा शिक्षा परिषद को आदेश जारी किया।इस सम्बन्ध में मंत्री, अल्पसंख्यक कल्याण, मुस्लिम वक़्फ़ एवं हज मोहिसिन रजा नें कहा कि
मुख्यमंत्री जी के आदेश पर मदरसों में फ़र्ज़ी प्रपत्रों के आधार पर नौकरियां ग्रहण करने वालों की जाँच हेतु एक सप्ताह में कार्ययोजना बनाकर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश दिये गये हैं।उन्होंने कहा कि पिछली समाजवादी पार्टी की सरकार में वोट बैंक के तहत मदरसों का राजनीतीकरण कर के मदरसों में भारी भ्रष्टाचार किया गया है तथा क़रीबियों को अनुचित लाभ पहुँचाया गया है।भारी सँख्या में फ़र्ज़ी प्रपत्रों के आधार पर मदरसे में नौकरी करने वालों के विरुद्ध शिकायतें प्राप्त हो रही थी जिसके दृष्टगत सभी कर्मचारियों के सेवा संबंधी अभिलेखों की जाँच होगी तथा अपात्र एवं दोषी पाये जाने पर सख़्त कार्यवाही होगी।उन्होंनें कहा कि सरकार अनुदान अल्पसंख्यक वर्ग के पात्रों के कल्याण हेतु देती है आपत्रों के लिये नहीं। योगी जी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार ने मदरसों को और बेहतर किया है।हमने मदरसों को डिजिटाइज़ किया है, हमने मदरसा पोर्टल बनाकर मदरसों को उससे जोड़ा है जिससे फ़र्ज़ी चल रहे मदरसों के विरुद्ध बड़ी सँख्या में कार्यवाही की है, हमने मदरसे की डिग्रियाँ ऑनलाइन की है, पारदर्शिता लाने के हर सम्भव प्रयास किया है गुडवत्तायुक्त शिक्षा के लिये सभी बेहतर क़दम उठायें हैं।

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