कथावाचक ने सुदामा चरित्र का किया सुंदर वर्णन

Listen to this article

कथावाचक ने सुदामा चरित्र का किया सुंदर वर्णन

उन्नाव /रघुनाथ प्रसाद शास्त्री
सराय फतेहपुर चौरासी तकदीर सिंह के आवास पर चल रही श्रीमद भागवत कथा के सातवें दिन ओमप्रकाश शास्त्री ने कहा कि कथा श्रवण से पाप दूर हो जाते है।
कथा में आने का मतलब है कि आप मंदिर में भगवान के निमित्त हो गए है। संसार में अब पाप रूपी अंधकार छा रहा है। जिसे वह सुनने नही देता है। भगवान की भक्ति करना सहज ही नही है। भक्ति मन से होती है सब माया मोह छोड़ कर ही कथा का श्रवण करना चाहिए और भक्त के बस में ही भगवान सदा बना रहता है, लेकिन बात है केवल तो केवल सच्ची भक्ति की भावना की है। कथा सुनने के लिए गोस्वामी ने उपस्थित श्रोताओं से कहा कि जिस तरह से कृष्ण ओर सुदामा ने अपनी मित्रता निभाई है, उसी तरह आज इस समय में भी सभी को अपनी मित्रता निभानी चाहिए।
इस अवसर पर सुदामा की मनोरम झांकी सजाई। जिसे देखने के लिए महिला श्रदालुओ की भीड़ उमड़ पड़ी। कृष्ण-सुदामा के भजनों पर महिलाएं नाचने लगी
कथा स्रोता पंकज सिंह पत्नी पदमा सिंह
ने सात दिन कथा श्रवण कर अपना जीवन धन्य किया। कथा के अंतिम दिन श्रोताओं की भारी भीड़ रही अंत में आयोजक तकदीर सिंह ने सबको धन्यवाद ज्ञापित किया और आरती व प्रसाद के बाद कथा का समापन हुआ

विज्ञापन बॉक्स