तहसील बांगरमऊ में ग्राम न्यायालय (मुंशिफ कोर्ट) को शीघ्र संचालित किए जाने की मांग

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तहसील बांगरमऊ में ग्राम न्यायालय (मुंशिफ कोर्ट) को शीघ्र संचालित किए जाने की मांग                                                               बांगरमऊ उन्नाव 14 जनवरी 2024 ।। उच्च न्यायालय इलाहाबाद के मुख्य न्यायाधीश को नोटिस भेज कर फारूक अहमद एडवोकेट ने तहसील बांगरमऊ में ग्राम न्यायालय (मुंशिफ कोर्ट) को शीघ्र संचालित किए जाने की मांग की है।
मालूम हो की तहसील क्षेत्र के ग्राम इस्माइलपुर आंबापारा (कुर्मिन खेड़ा) निवासी उच्च न्यायालय खंडपीठ लखनऊ के वरिष्ठ अधिवक्ता तथा यश भारती सम्मान से सम्मानित प्रमुख समाजसेवी फारूक अहमद एडवोकेट ने तहसील बांगरमऊ में ग्राम न्यायालय (मुंशिफ कोर्ट) की स्थापना किए जाने हेतु मार्च 2014 में एक जनहित याचिका 10697/2014 उच्च न्यायालय खंडपीठ लखनऊ में दायर की थी। उच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में 9 मई 2019 को उत्तर प्रदेश सरकार ने निर्णय लिया कि बांगरमऊ में ग्राम न्यायालय की स्थापना की जाएगी। और जल्द ही सिविल जज व अन्य स्टॉफ़ के पद भी स्वीकृत कर दिए गए। इसके बाद 25 फरवरी 2022 को उत्तर प्रदेश सरकार ने बांगरमऊ में ग्राम न्यायालय की स्थापना हेतु आवश्यक धनराशि स्वीकृत की। तत्पश्चात उत्तर प्रदेश सरकार ने उच्च न्यायालय को जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान बताया कि सब कुछ तैयार हो चुका है जल्द ही ग्राम न्यायालय की शुरुआत कर दी जाएगी। जिस पर विश्वास करते हुए 23 मार्च 2022 को उच्च न्यायालय ने फारूक अहमद एडवोकेट की जनहित याचिका को निस्तारित कर दिया।
जनहित याचिका को निस्तारित किए हुए लगभग 01 वर्ष 10 माह का समय बीत गया है परंतु अभी तक तहसील बांगरमऊ में ग्राम न्यायालय (मुंशिफ कोर्ट) संचालित नहीं हो सका है। फारूक अहमद एडवोकेट ने 13 जनवरी 2024 को उच्च न्यायालय इलाहाबाद के मुख्य न्यायाधीश को संबोधित एक नोटिस दी है कि तहसील बांगरमऊ में जल्द से जल्द ग्राम न्यायालय (मुंशिफ कोर्ट) संचालित कर दिया जाए अन्यथा की स्थिति में वह पुनः उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर करेंगे। इस नोटिस की प्रति उच्च न्यायालय इलाहाबाद के रजिस्ट्रार जनरल, उत्तर प्रदेश सरकार के प्रमुख सचिव विधि एवं न्याय, जिला जज उन्नाव व जिलाधिकारी उन्नाव को भी आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित की गई है।।

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