एलसीसी से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार गेंहू की फसल में यूरिया का करे छिड़काव

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एलसीसी से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार गेंहू की फसल में यूरिया का करे छिड़काव

किसानों द्वारा खेतों में अत्यधिक उत्पादन बढाने के लिए अत्यधिक मात्रा में रासायनिक उर्वरकों का उपयोग किया जा रहा है। रासायनिक उर्वरको के दुष्प्रभाव से बचने के साथ ही जल उत्पादकता और फसल की उत्पादकता को बढ़ाने के लिए गेंहू की खड़ी फसल मे एलसीसी (लीफ कलर चार्ट) के प्रयोग को बढ़ावा देना चाहिए। इससे प्राप्त आंकड़ो के आधार पर यूरिया की मात्रा का प्रयोग करना चाहिए। इससे संबंधित जानकारी सत्र संचालन के दौरान परियोजना के मास्टर ट्रेनर ने किसानों को दिया। इसके अलावा किसानों को फसलों में प्रयोग होने वाली आधुनिक तकनीक की जानकारी भी मुहैया कराई।

विश्व बैंक वित्त पोषित परियोजना उत्तर प्रदेश वाटर सेक्टर रीस्ट्रक्चर परियोजना द्वितीय चरण के घटक डी (कृषि) के अंतर्गत विकास खण्ड भादर के आलमपुर अल्पिका के त्रिलोकपुर गांव मे संचालित फार्मर्स वाटर स्कूल के सत्र संचालन के दौरान किसानों को गेहूं की फसल मे जल बचत के लिये आवश्यक सिंचाई टेन्सियोमीटर से करने के साथ ही उन्नतशील कृषि तकनीक,संतुलित मात्रा मे खाद एवं उर्वरकों का प्रयोग करके अधिक उत्पादन प्राप्त करने का तरीका सत्र संचालन मे किसानों को परियोजना के मास्टर ट्रेनर महेन्द्र कुमार बरनवाल ने बताया। उन्होंने किसानों के खेत पर जाकर गेहूं की फसल मे लीफ कलर चार्ट का प्रयोग करके किसानो को दिखाया। उन्होंने कहा लीफ कलर चार्ट से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर ही गेहूं की खड़ी फसल में यूरिया की संस्तुति मात्रा की टाप ड्रेसिंग करनी चाहिये। सत्र के दौरान किसानों से गेहूं की  फसल मे खरपतवार प्रबंधन के कारगर उपाय साझा किया गया। किसानों द्वारा फसलों उत्पादन में अंधाधुंध कृषि रसायनों का प्रयोग करने से मानव शरीर के स्वास्थ्य पर होने वाले हानिकारक प्रभाव पर चर्चा की गयी। सत्र संचालन में परियोजना के तकनीकी सहायक भानू प्रताप सिंह,फैसिलीटेटर श्याम नरायन,राजीव कुमार सिंह प्रगतिशील किसान श्री कृष्णा पाण्डेय,राम गोपाल,मनोज वर्मा समेत कई किसान मौजूद रहे।

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