श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ के दौरान वक्ता शास्त्री ने आए भक्तों को परमात्मा से मिलने का रास्ता बताया

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श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ के दौरान वक्ता शास्त्री ने आए भक्तों को परमात्मा से मिलने का रास्ता बताया

बांगरमऊ ,उन्नाव ।
तहसील क्षेत्र के ग्राम झूलूमऊ में चल रहे श्री हनुमत महा यज्ञ एवं श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ के दौरान वक्ता शास्त्री ने आए भक्तों को परमात्मा से मिलने का रास्ता बताते हुए कहा कि पहले सत्यस्वरूप आत्मा के संबंध में वास्तविकता की जानकारी प्राप्त करना अत्यन्त आवश्यक है। क्योंकि उसके बिना जीवन-यात्रा का ठीक स्वरूप ही सामने नहीं आता।
गंगा कटरी क्षेत्र के ग्राम झूलू मऊ में मां फूलमती मंदिर एवं हनुमान धाम में चल रहे श्री हनुमत महायज्ञ एवं भागवत ज्ञान सप्ताह के तहत वृंदावन धाम से आई संत दीक्षा अवस्थी ने भक्तों को बताया कि यदि आप अपने को महान् बनाना चाहते हैं, तो अपनी आत्मा की महानता स्वीकार कीजिए।यदि संसार में सम्मानपूर्वक जीना चाहते हैं, तो आत्मा का सम्मान कीजिए। यदि परमात्मा के साथ आत्मा को जोड़ना चाहते हैं, तो अपने को इस रिश्तेदारी के योग्य बनाने का प्रयास कीजिए। उन्होंने कहा कि आप परमात्मा को तब तक नहीं प्राप्त कर सकते, जब तक कि अपनी आत्मा को उसी की बिरादरी का न बनाएँ। नीचता से उच्चता की ओर, तुच्छता से महानता की ओर बढ़ने का एकमात्र उपाय यह है कि आप अपनी  आत्मा को ईश्वर का अंश समझते हुए पवित्र मानें और उसका पूरा-पूरा सम्मान करें। उन्होंने कहा सम्मान का अर्थ घमंड करना, अहंकार से भर जाना, ऐंठे रहना, अकड़ कर चलना, उद्धत हो जाना या दूसरों को नीच समझना नहीं है वरन् यह है कि अपने अंदर ईश्वर का पवित्रतम अंश बैठा हुआ देख कर उसकी पूजा-अर्चना करें,उसके आदेशों को ध्यानपूर्वक सुनकर ऐसे श्रेष्ठ आचरण करें, जैसे कि परमात्मा के दरबार में जाकर करना उचित है। कार्यक्रम में धीरेंद्र द्विवेदी ,बालकृष्ण द्विवेदी, राजन जी शुक्ला ,शास्त्री जी, धर्मेंद्र शास्त्री अन्नू तिवारी, देवेंद्र बृजवासी ,पवन दुवेदी, सत्यनारायण अवस्थी आदि आचार्य गण यज्ञ के कार्यक्रम  मंत्रोच्चारण के साथ संपन्न करा रहे हैं । मंदिर के महंत फलाहारी ब्रह्मचारी बाबा की तरफ से मौजूदा प्रधान रामप्रकाश भक्तों में प्रसाद वितरण की व्यवस्था देख रहे हैं।

 

रिपोर्ट-गिरीश त्रिपाठी स्वतंत्र पत्रकार

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