कुछ किसानों ने आगमनी गेंहू की बुवाई कर दी है  जो फसल उग आई है उसकी किसान सिंचाई भी करना शुरू कर दिया ।

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उन्नाव 

45 हजार हेक्टेयर में होगी गेहूं बिजाई, दिसंबर के पहले सप्ताह तक चलेगा कार्य

 

 सर्दियों की शुरुआत होते ही जिले के किसानों ने गेहूं की फसल बिजाई की तैयारी शुरू कर दी है। नवंबर के दूसरे सप्ताह से ही किसान गेहूं की फसल की बिजाई शुरू कर देते हैं।

 

कुछ जगह पछेती फसल की बिजाई जाती है,जिसकी दिसंबर के पहले सप्ताह तक बिजाई की जाती है। खरीफ की फसल की कटाई के बाद जमीन को रबी की फसल के लिए तैयार किया जाता है। जिले में इस बार 45 हजार हेक्टेयर में गेहूं की फसल उगाई जाएगी। इसके लिए किसानों ने जमीन तैयार करना शुरू कर दिया है। जिले के किसानों ने करीब 70 हजार हेक्टेयर में सरसों की फसल के लिए बीज डाला है। ज्यादातर किसान अगेती फसल उगाना पसंद करते हैं।

इन किस्मों के बीजों का होगा प्रयोग

जिले में किसानों द्वारा 286, 306 देशी गेहूं खाने के प्रयोग के लिए उगाया जाता है। इसमें अधिक मात्रा में उपज होने पर दूसरे लोगों को बेचा जाता है। दूसरी ओर जिले में 2967, 711, 1105, 83 और अन्य नई किस्मों का प्रयोग भी किया जा रहा है। बेहतर उत्पादन के लिए जिला कृषि विभाग की ओर से भी किसानों को गेहूं की फसल की अच्छी किस्मों के प्रति जागरूक किया जा रहा है। कृषि विभाग की ओर से किसानों को बीज उपचारण के लिए भी प्रेरित किया जा रहा है। बीज उपचारण से किसानों की फसल में 25 से 30 फीसद बढ़ोतरी हो रही है।

सरसों का उत्पादन बढ़ाने के लिए ये उपाय अपनाएं

सरसों भी जिल की मुख्य पैदावार वाली फसलों में शुमार है। सरसों रबी सीजन की मुख्य फसल तिलहन फसलों में है। खाद्य तेलों की आपूर्ति को पूरा करने के लिए सरसों की पैदावार को बढ़ाया जाना अति आवश्यक है। जिले के अधिकांश किसानों ने अपने खेतों में सरसों की बिजाई कर दी है। सरसों की बिजाई के समय सिंचित अवस्था में सारी फास्फोरस, पोटेशियम सल्फेट, नाइट्रोजन बिजाई से तुरंत पहले डालें और शेष नाइट्रोजन की मात्रा पहले पानी के साथ डालें।

 

जिले में करीब 45 हजार हेक्टेयर में गेहूं की फसल उगाने का लक्ष्य है। किसानों को बीज उपचार करने के बाद ही उगाना चाहिए। इससे कम खर्चे में ज्यादा लाभ किसान ले सकते हैं।

 

कुछ किसानों ने आगमनी गेंहू की बुवाई कर दी है 

जो फसल उग आई है उसकी किसान सिंचाई भी करना

शुरू कर दिया ।

बाकी किसान अपने-अपने खेतों में पलेवा कर बुवाई करने में लगे हुए हैं खाद बीज की दिक्कत की वजह से उनकी फसल बुवाई के लिए विलंब हो रहा है।

रिपोर्ट आर पी एस समाचार

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