पुलिस भर्ती: चचेरे भाई की जगह दरोगा ने दी परीक्षा, दौड़ में खुल गई पोल, गिरफ्तार

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आगरा में आरक्षी भर्ती परीक्षा की दौड़ में दो फर्जी अभ्यर्थी पकड़ लिए गए। इनमें एक प्रशिक्षु दरोगा है। उसने अपने चचेरे भाई के स्थान पर लिखित परीक्षा दी थी। अब दौड़ लगाने आया था। दूसरे आरोपी ने लिखित परीक्षा सॉल्वर से कराई थी। अब खुद दौड़ लगाने आया था। पुलिस ने दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। 15वीं वाहिनी पीएसी में पुलिस आरक्षी भर्ती परीक्षा का शारीरिक दक्षता परीक्षण चल रहा है। इसमें अभ्यर्थियों को 4.8 किलोमीटर की दौड़ लगानी है। बृहस्पतिवार को दो फर्जी अभ्यर्थी पकड़े गए।

थाना ताजगंज के प्रभारी निरीक्षक अनुज कुमार ने बताया कि आरोपी बुलंदशहर के जहांगीरपुर स्थित गांव जवां निवासी राजेश कुमार और जितेंद्र सिंह हैं। जितेंद्र सिंह प्रशिक्षु दरोगा है। सीतापुर में प्रशिक्षण ले रहा है।

ऐसे खुली पोल उसने अपने चचेरे भाई धर्मवीर सिंह के स्थान पर लिखित परीक्षा दी थी। इसमें वह पास हो गया। इसके बाद दौड़ लगाने भी आ गया। पुलिस ने प्रवेश पत्र की फोटो फर्जी लगने पर पूछताछ की। उसने सच बता दिया।

उधर, दूसरे आरोपी राजेश कुमार की परीक्षा उसके गांव के ही सुधीर ने दी थी। दौड़ में खुद राजेश कुमार आ गया। मगर, लिखित परीक्षा के दौरान बायोमैट्रिक जांच सुधीर की हुई थी।

दौड़ लगाने के लिए जब राजेश ने जांच कराई तो पकड़ा गया। इसकी फिंगर मिलान नहीं हो सका। वहीं फोटो भी अलग था। पुलिस ने पूछताछ की तो उसने सच बता दिया। दोनों आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

लगातार पकड़े जा रहे फर्जी अभ्यर्थी पुलिस लाइन में चल रही पुलिस आरक्षी भर्ती परीक्षा की दस्तावेज समीक्षा और शारीरिक मानक परीक्षण में 30 से ज्यादा फर्जी अभ्यर्थी पकड़े गए थे। चार गैंग का नाम भी सामने आया था।

इसके बाद थाना रकाबगंज पुलिस ने टीईटी परीक्षा में सॉल्वर गैंग पकड़ा था। हाल ही में सदर पुलिस ने सेना भर्ती परीक्षा में चार फर्जी अभ्यर्थी पकड़े थे। अब पीएसी मैदान में चल रही दौड़ में फर्जी अभ्यर्थी पकड़ लिए गए

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