प्रगतिशील किसान सम्मेलन में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कृषि विविधता पर दिया जोर,कहा भारत का दिल गांवों में बसता

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प्रगतिशील किसान सम्मेलन में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कृषि विविधता पर दिया जोर,कहा भारत का दिल गांवों में बसता

लखनऊ/उत्तर प्रदेश(रघुनाथ प्रसाद शास्त्री)

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि भारत का दिल गांवों में बसता है। जब तक गांव का किसान मजबूत नहीं होगा, देश मजबूत नहीं हो सकता। आबादी के लिहाज से दुनिया के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में कृषि क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। यहां प्रचुर मात्रा में पानी, मानव संसाधन और जलवायु इन संभावनाओं को और बढ़ा देते हैं। यह बदलाव का दौर है और यह दौर जारी रहे, इसके लिए परंपरागत खेती की जगह कृषि विविधिकरण को प्रोत्साहित करना होगा। अगर अपने उत्पादों को सरकार बाजार की मांग के अनुसार प्रसंस्कृत करा लेती है, तो पूरी दुनिया यहां के कृषि उत्पादों का बाजार होगी। ओम बिरला शुक्रवार को लोकभवन में आयोजित प्रगतिशील कृषक सम्मेलन को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे।

हर ग्राम पंचायत में खोलेंगे एफपीओ :

लोकसभा अध्यक्ष ने सीएम योगी आदित्यनाथ, कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, गन्ना मंत्री सुरेश राणा, कृषि राज्यमंत्री लाखन सिंह राजपूत और सांसद कौशल किशोर के साथ सम्मेलन का उद्‌घाटन किया। वहीं, अमरोहा के कृषि विज्ञान केंद्र और बाराबंकी के दो व हरदोई के तीन किसान कल्याण केंद्रों का शिलान्यास किया। सीएम योगी ने कहा, हमारी सरकार का लक्ष्य सभी ग्राम पंचायतों में कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) खोलना है। पहले चरण में सभी 823 ब्लॉकों, दूसरे चरण में आठ हजार न्याय पंचायतों और तीसरे चरण में सभी 60 हजार ग्राम पंचायतों में एफपीओ खोले जाएंगे। अब तक 336 एफपीओ खोले जा चुके हैं। उन्होंने कहा, यूपी में पहले भी सब कुछ था, लेकिन किसान बदहाल थे। दो साल में हम काफी हद तक बदलाव लाने में सफल रहे। कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही ने कहा, सीएम की प्रतिबद्धता का नतीजा है कि दो साल से प्रदेश अनाज उत्पादन में पूरे देश में नंबर-1 बना हुआ है। प्रदेश की कृषि विकास दर रेकॉर्ड 11.50% है।

चेक और चाबियां सौंपीं

लोकसभा अध्यक्ष और सीएम ने प्रगतिशील किसान ममता वाजपेयी, नम्रता पांडेय, अभिषेक पांडेय, राजेश साहू, राजकुमार राय, राजेश पाठक, राज प्रताप सिंह, विकास पुरी, वेदव्यास सिंह, अरुण कुमार और रामबहोरे पाठक को एफपीओ के स्वीकृति पत्र और 18-18 लाख के डमी चेक दिए। सम्राट सिंह, मनोज कुमार, सुबोध कांत मिश्रा, शशिकांत पांडेय, डॉ. कामिनी सिंह, हेमंत द्विवेदी, कैलाश कुमार, बलराज सिंह और राजराम द्विवेदी को फार्म मशीनरी बैंक और कस्टम हायरिंग सेंटर योजना के तहत ट्रैक्टर की चॉबियां सौंपी।

उन्होंने मिलें बंद की, हमने नई चलाईं :

सीएम ने कहा कि पिछली सरकारों में गन्ना किसानों का भुगतान रुका था। मिलें बंद हो रहीं थीं और बेची जा रही थीं। हमने रेकॉर्ड 82 हजार करोड़ रुपये का भुगतान किया। आज 116 की जगह प्रदेश में 121 चीनी मिलें चल रही हैं। पुरानी मिलों का आधुनिकीकरण और क्षमता विस्तार हो रहा है। मिल मालिकों को साफ निर्देश है कि जब तक किसान के खेत में गन्ना है तब मिलें चलनी चाहिए। न्यूनतम लागत में अधिकतम उत्पादन पर जोर दिया जा रहा है। इसीलिए सिंचाई की दक्ष विधाओं ड्रिप और स्प्रिंकलर को अनुदान पर मिलने वाली बोरिंग योजनाओं के साथ अनिवार्य किया जा रहा है। कृषि विज्ञान केंद्रों और कृषि विश्वविद्यालयों के जरिये किसानों को खेती-बारी के अद्यतन तौर-तरीके से अवगत कराया जा रहा है। इस सबके नतीजे सामने हैं। इससे पहले अतिथियों का स्वागत करते हुए

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