6 साल की मासूम के साथ दुष्कर्म कर हत्या करने वाले क्रूर अभियुक्त को हुई फांसी की सजा…

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6 साल की मासूम के साथ दुष्कर्म कर हत्या करने वाले क्रूर अभियुक्त को हुई फांसी की सजा…

लखनऊ उत्तर प्रदेश

राजधानी के पुराने लखनऊ में सहादतगंज थाना अंतर्गत लगभग पांच महीने पहले एक छह साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म और हत्या करने वाले आरोपी बबलू अराफात को फास्ट ट्रैक कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है, और बहुत समय के बाद ऐसा हुआ है कि किसी केस में इतनी जल्द फैसला आया है और मुजरिम को सज़ा दी गई है। बताते चलें कि 15 सितंबर-2019 को 6 साल की मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म कर हत्या का मामला सामने आया था, जिसके बाद आरोपित को सआदतगंज पुलिस ने तत्काल गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था और उसके खिलाफ मजबूत साक्ष्यों को इकट्ठा कर उस पर पॉक्सो एक्ट के तहत कार्रवाई की गई थी, साथ ही अभियुक्त के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत NSA की कार्यवाही भी की गई थी, इसके अलावा इंस्पेक्टर सआदतगंज महेश पाल ने लगातार प्रयास कर उक्त अभियुक्त को कड़ी सजा दिलाने में कोई भी कसर नहीं छोड़ी, जिसके फलस्वरूप अभियुक्त पर आरोप सिद्ध हुआ और पूरा मामल फास्ट ट्रैक कोर्ट में चला था। उक्त घटना को अंजाम देने वाला अभियुक्त बबलू बहाने से मासूम बच्ची को अपने घर लेकर गया था, जहां उसने दुष्कर्म के बाद मासूम हत्या कर दी थी।

बता दें कि यह था मामला, दरअसल 15 सितंबर-2019 को सआदतगंज थाना अंतर्गत रहने वाला एक गरीब परिवार जो मजदूरी कर अपना जीवन यापन कर रहा था और उसी के साथ उसका दोस्त बबलू अराफ़ात जो कि ठाकुरगंज के बाबा हजारा बाग गढ़ी पीर खां में रहता था, उसी दोस्त बबलू ने 15 सितंबर को अपने ही दोस्त की छह साल की मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी थी। मासूम लहूलुहान अवस्था में मुंह बोले मामा बबलू अराफात के घर से बरामद की गई थी। छानबीन के दौरान पुलिस ने तत्काल ही आरोपित बबलू को गिरफ्तार कर लिया जेल भेज दिया था। आरोपी बबलू बहाने से मासूम बच्ची को अपने घर लेकर गया था, जहां उसने हैवानियत की हदें पार कर एक दर्दनाक और क्रूर घटना को अंजाम दिया था। आरोपित के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत भी कार्रवाई की गई थी। वहीं पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में हत्या से पहले उसका गला दबाने की बात समाने भी आई थी। शैतान बने मुहंबोले मामा ने मासूम पर न केवल चाकू से हमला किया था, बल्कि हथौड़े से भी कई वार किए थे। बच्ची के माथे और दायें आंख के ऊपर चोट के निशान मिले थे। जिसके बाद सआदतगंज पुलिस ने पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए पीड़ित परिवार को आश्वासन दिया था कि आरोपी को सख्त से सख्त सज़ा दिलाई जाएगी और पुलिस ने पूरे मामले की पैरवी करते हुए आरोपी को फांसी की सज़ा दिलाने में सफलता भी पाई और इस पूरे मामले में मिली कामयाबी का श्रेय लखनऊ पुलिस और खास तौर पर इंस्पेक्टर सआदतगंज महेश पाल को जाता है।

डीजीपी ने पुलिस की सराहना के साथ ही 25,000/-रु. देने की घोषणा…

उक्त मामले पर पुलिस द्वारा किये गए सराहनीय कार्य और आरोपी को फांसी की सज़ा होने के बाद उत्तर प्रदेश के मुखिया यानि डीजीपी ने जहां पुलिस के सराहिए कार्य की प्रशंसा की वहीं उक्त मामले पर बधाई देते हुए इस मामले में लगे पुलिस कर्मियों को 25,000/- रु. का इनाम भी घोषित किया है। उक्त घटनाक्रम के बाद आरोपी की गिरफ्तारी और सज़ा के बाद सार ये है कि अगर ईमानदारी पुलिस अपने पर आ जाये तो किसी भी बड़े केस का पर्दा फाश कर आरोपी को जेल भेज सकती है।

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