पौराणिक स्थल माँ जानकी की तपस्थली जानकी कुंड (परियर) में विशेष धार्मिक अनुष्ठान शुरू

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पौराणिक स्थल माँ जानकी की तपस्थली जानकी कुंड (परियर) में विशेष धार्मिक अनुष्ठान शुरू

उन्नाव।

गिरीश त्रिपाठी ,स्वतन्त्र पत्रकार ,प्रमुख संवाददाता, आर पी एस समाचार

पौराणिक स्थल माँ जानकी की तपस्थली जानकी कुंड (परियर) में आज शुक्रवार से सदर विधायक पंकज गुप्ता के संयोजन में विशेष धार्मिक अनुष्ठान शुरू हो गया।धर्माचार्यों की उपस्थिति में निषादराज की मूर्ति स्थापना के साथ अनेकानेक धार्मिक प्रयोजन होनें लगे हैं। सुबह 9 बजे सदर विधायक पंकज गुप्ता के नेतृत्व में निकली कलश यात्रा के साथ महायज्ञ के साथ 24 घण्टे महोबा से आए सीताराम संकीर्तन मण्डल द्वारा राम नाम संकीर्तन, बृन्दावन धाम के स्वामी बिष्णु शर्मा के सानिध्य में रासलीला एवं रामलीला मंचन,चित्रकूट धाम के स्वामी पुरुषोत्तम दास जी महाराज के मुखार विंदु से संगीतमय रामकथा का श्रवण पान तथा पुष्कर मठ बाबा विश्वनाथ की नगरी से आए पंडित अवधेश शुक्ला के सानिध्य में 27 कुंडीय महायज्ञ का आयोजन प्रारम्भ हो गया।जानकी कुंड मंदिर के व्यवस्थापक पंडित रमाकांत,विधायक पुत्र प्रखर गुप्ता, विधायक प्रतिनिधि प्रदीप सिंह,पवन सिंह ग्राम प्रधान परियर सुरेश चंद्र लोधी सहित क्षेत्र के कई प्रधान ,बीडीसी सदस्य,जिला पंचायत सदस्य,सामाजिक कार्यकर्ता,धार्मिक आचार्य कार्यक्रम को भव्यता प्रदान कर रहे हैं।मंदिर परिसर में ही निषादराज की मूर्ति स्थापना के लिए चल रहा है अनुष्ठान जिसमे विधायक पुत्र प्रखर गुप्ता सहयोगियों के साथ सहभागिता कर रहे है।माँ जानकी की तपस्थली में होने वाले धार्मिक अनुष्ठान में विधायक पंकज गुप्ता सपत्नीक शामिल हैं। सांसद महामंडलेश्वर डाक्टर सचिदानंद हरि साक्षी महाराज , कई विधायक, जिला पंचायत सदस्य अरुण सिंह सहित अनेक सत्तापक्ष के राजनेताओ की सहभागिता की सम्भावना से माँ जानकी धाम अध्यात्म एवं राजनीति का संगम बन रहा है।2022 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए सदर विधायक पंकज गुप्ता के आयोजक होने के कारण विपक्ष के राजनेताओं का इस धार्मिक कार्यक्रम से पूर्णरूप से दूरी बनी हुई है उनका कहना है यह धार्मिक प्रयोजन न होकर धर्म की चादर ओढ़ राजनीति का नया प्रयोग किया जा रहा है जिसे क्षेत्र की जनता भली भांति जानती है।और आने वाले समय मे जनता माकूल जवाब देगी। क्षेत्र के वयोवृद्ध लोग मानते है राजनीति में यदि धर्म की चादर ओढ़ी जा रही है तो इसमें गलत क्या है। विपक्ष भी यह चादर ओढ़ सकता था लेकिन उसे धार्मिक चादर ओढ़ने में वोट बैंक खिसकने का भय था।

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