कान्सटेबिलो की ट्रेनिंग अवधि जोड़ते हुए दरोगा का ग्रेड पे  देने का आदेश 

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कान्सटेबिलो की ट्रेनिंग अवधि जोड़ते हुए दरोगा का ग्रेड पे  देने का आदेश

गिरीश त्रिपाठी ,स्वतन्त्र पत्रकार ,प्रमुख संवाददाता, आर पी एस समाचार

इलाहाबाद।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश  में वर्ष 1998 या उसके पूर्व नियुक्त तथा 16 वर्ष की सेवा पूरी कर चुके पुलिस कर्मियों को बडी राहत दी है ।
हाईकोर्ट ने 1998 के पहले से नौकरी कर रहे कान्सटेबिलो को उनके ट्रेनिंग अवधि की सेवा को जोड़ते हुए दरोगा को मिलने वाला द्वितीय प्रोन्नति वेतनमान ग्रेड पे रूपया 4200/-  देने को लेकर 8 सप्ताह में आदेश पारित करने का शासन 20 नवम्बर को निर्देश दिया है।
यह आदेश जस्टिस सरल श्रीवास्तव ने प्रदेश के लगभग एक दर्जन जिलों से हाईकोर्ट पहुँचे कान्स्टेबल रामदत्त शर्मा व कई अन्य की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है। सिपाहियों की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता विजय गौतम व अतिप्रिया गौतम का तर्क था कि हाईकोर्ट के पूर्व आदेशों व तत्पश्चात जारी शासनादेशो के बावजूद विभाग प्रशिक्षण अवधि की सेवा को द्वितीय प्रोन्नत वेतनमान देने के लिए नहीं जोड़ रहा है। जबकि वे इसके लिए पूर्ण रूप से हकदार हैं।मामले के अनुसार याची सिपाहियों की नियुक्ति वर्ष  1998 में हुई थी। परन्तु उन्हें  न तो द्वितीय वेतनमान दिया जा रहा था और न ही उनके ट्रेनिंग अवधि को सेवा में जोड़ा जा रहा था। अधिवक्ता गौतम का कहना था कि प्रदेश सरकार द्वारा जारी शासनादेश 21 जुलाई 2011 के तहत वे सभी पुलिस कर्मी जिन्होंने विभाग में 16 वर्ष की सेवा पूरी कर ली है, उन्हें उनके  प्रशिक्षण अवधि की सेवा को जोड़ते हुए द्वितीय प्रोन्नति वेतनमान ग्रेड पे रूपया 4200  दरोगा को मिलने वाला वेतनमान दिया जाना चाहिए।याचिका में कहा गया था कि लाल बाबू शुक्ला केस में  हाईकोर्ट द्वारा प्रतिपादित विधि सिद्धांत के अनुसार याची सिपाहियों की प्रशिक्षण अवधि की सेवा को जोडा जाना चाहिए। कहा यह भी गया था कि अपर पुलिस महानिदेशक, मुख्यालय द्वारा 17 मार्च 2012 के शासनादेश में यह कहा गया है कि प्रदेश पुलिस के  कार्यकारी बल में आरक्षी पद का ग्रेड पे  दो हजार,  मुख्य आरक्षी का 2400/-,  दरोगा का ग्रेड पे 4200/- तथा इन्सपेक्टर का ग्रेड पे 4600/- अनुमन्य है। कहा गया था कि सभी याचीगण 16 वर्ष की सन्तोष जनक सेवा पूरी कर चुके हैं। अतः वे दरोगा पद का ग्रेड पे 4200/- रूपया उनके ट्रेनिंग अवधि की सेवा को जोड़ते हुए पाने के हकदार हैं। कोर्ट ने उक्त आदेश के साथ याचिका को निस्तारित कर दिया है।

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