जीका बीमारी से बचाव,जन जागरूकता एवं सैंपलिंग के संबंध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने दिए सभी प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों को आवश्यक निर्देश।

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जीका बीमारी से बचाव,जन जागरूकता एवं सैंपलिंग के संबंध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने दिए सभी प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों को आवश्यक निर्देश।

गिरीश त्रिपाठी ,स्वतन्त्र पत्रकार ,प्रमुख संवाददाता, आर पी एस समाचार

उन्नाव।
जनपद उन्नाव के निकटवर्ती कानपुर नगर में जीका वायरस के काफी संख्या में मरीज पॉजिटिव आये है और संक्रमित लोगों की संख्या निरन्तर बढ़ रही है।
जनपद के शुक्लागंज के मोहल्ला मिश्रा कॉलोनी में एक व्यक्ति कानपुर के सैंपल में जीका धनात्मक पाया गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर सत्य प्रकाश के निर्देशन में प्रभावित व्यक्ति के घर से 400 मीटर के क्षेत्र में मिश्रा कॉलोनी, चंपापुरवा, राजीव नगर, गोताखोर मोहल्ले में जिला मलेरिया अधिकारी रमेश चंद यादव के नेतृत्व में स्वास्थ्य कर्मियों,आशा कार्यकर्ता व नोडल अधिकारी डॉ विवेक गुप्ता, एपिडेमियोलॉजिस्ट डॉ रवि यादव, डब्ल्यूएचओ के एसएमओ डॉक्टर श्वेताशु श्रीवास्तव तथा नगरपालिका गंगा घाट के अनूप मिश्रा टैक्स कलेक्टर ने सफाई टीम के साथ क्षेत्र में सघन सर्वेक्षण कर बुखार के रोगियों का चिन्हीकरण, गर्भवती महिला महिलाओं,विगत दो माह में जन्मे बच्चों तथा केरल व राजस्थान व बाहर से आने वाले लोगों का चिन्हीकरण किया गया।
प्रभावित व्यक्ति के घर व आस पास के घरों में इंडोर स्प्रे, क्षेत्र में लार्विसाइडल छिड़काव, फागिंग, साफ सफाई, सोर्स रिडक्शन के अंतर्गत लोगों के घरों के कूलर, गमला, टायर, टूटे-फूटे बर्तनों व जलभराव क्षेत्र को समाप्त करने की कार्यवाही की गई।11 बुखार रोगियों का सैंपल लेकर जीका जांच हेतु भेजा गया। तथा दवा दी गई।
क्षेत्र में जीका,डेंगू रोग के बचाव के संबंध में जानकारी व स्वास्थ्य शिक्षा दी गई।
उन्होंने बताया कि दिनांक 18 नवंबर 2021 को प्रभावित व्यक्ति के घर से 1 किलोमीटर तथा 19 नवंबर को 3 किलोमीटर के क्षेत्र में बुखार के रोगियों का चिन्हीकरण किया जाएगा तथा जीका की जांचे हेतु सैंपल( ब्लड, यूरिन) लिया जाएगा ।
शुक्लागंज में मिश्रा कॉलोनी, चंपा पुरवा, राजीव नगर, गोताखोर में किए जा रहे निरोधात्मक कार्यवाही का राज्य स्तरीय टीम ड्रा अभिषेक मिश्रा जन स्वास्थ्य अधिकारी लखनऊ एवं डॉ अंकुश शुक्ला जिला सर्विलांस अधिकारी जनपद अयोध्या ने माइक्रोप्लानिं, सर्वेक्षण,सैंपलिंग, सोर्स रिडक्शन कार्यवाही का निरीक्षण किया।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि जीका वायरस एक आर0एन0ए0 वायरस है।
यह वायरस एडीज एजिप्टाई व एडीज एल्बोप्टिकस के द्वारा फैलता है,जो कि डेंगू, चिकुन गुनिया, वेसनाइल वायरस को भी फैलाता है। यह रोग संक्रमित मच्छर के काटने से तथा संक्रमित व्यक्ति के साथ असुरक्षित यौन सम्बन्ध से फैलता है। संक्रमित गर्भवती महिला के गर्भ के दौरान जन्म के समय भूर्ण में भी यह रोग हो सकता है।
आमतौर पर यह बीमारी लक्षणों के साथ एक सप्ताह तक रहती है। बहुत से लोगों में लक्षण दिखाई नही देते हैं या बहुत हल्के होते है जो डेंगू बीमारी से मिलते जुलते है। मुख्य लक्षण – बुखार आना , शरीर में दाने, सिर दर्द, जोडों में दर्द, आंखे लाल होना, (कन्जैक्टिवाइटिस) और मांसपेशियों में दर्द होता है।
जीका के लक्षण हल्के होते है और संक्रमित व्यक्ति के मृत्यु की आशंका बहुत कम होती है। सिर्फ गम्भीर मामलों में ही चिकित्सालय में भर्ती की जरूरत होती है।
कुछ लोगों में जी बी एस (GullainBaire Syndrome) हो सकता है जोकि नर्वस सिस्टम की बीमारी है और पैरालिसिस हो सकती है।
प्रेगनेंसी के दौरान इन्फेक्सन होने पर गर्भस्थ को गम्भीर जन्मजात बीमारी हो सकती है और पैदा हुआ बच्चे में माइक्रोसिफैली नामक बीमारी हो सकती है।
इस बीमारी में बुखार के साथ स्वाद व गन्ध आने व गम्भीर मामलों में सांस की समस्या नहीं होती है तथा डेंगू जैसे तेजी से प्लेटलेटस सामान्यतः कम नहीं होते है।
बचाव –
जीका से बचाव का सबसे अच्छा तारीका अपने व अपने परिवार को मच्छरों से काटने से बचाना है इसके लिए मच्छर दानी,इन्सेक्ट रेपलेंट, जैसे-आलाउट, गुडनाईट, डेंगूडॉन अगरबत्ती का प्रयोग करे।पूरी बांह की शर्ट व फुल पैन्ट पहने।
मौजूदा समय में जीका वायरस का कोई इलाज/वैक्सीन नहीं है।
संक्रमित मरीज को आराम करना है और अधिक मात्रा में तरल पदार्थाें का सेवन करना है ।
लक्षणों के आधार पर इलाज करना ही एक मात्र विकल्प है।
सभी प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि अपने-अपने क्षेत्र में फीवर केसज की सैम्पलिंग पर अधिक ध्यान दे। फीवर हेल्पडेस्क को सुदृढ करे।
क्षेत्रों में लारवी साइडल दवा का छिड़काव, सोर्स रिडेक्सन तथा नियमित रूप से फॉगिंग करवाना सुनिश्चित कराए। संदिग्ध लक्षण वाले मरीजों के सैम्पल व मरीज से सम्बन्धित पूर्ण जानकारी कार्यालय मुख्य चिकित्सा अधिकारी, उन्नाव में प्रेषित करें जिससे कि वेक्टर जनित जीका बीमारी को फैलने से ससमय रोका जा सके।

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