महर्षि वाल्मीकि ने लिखा था संसार का पहला महाकाव्य रामायण, आज है इनकी जयंती:

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महर्षि वाल्मीकि ने लिखा था संसार का पहला महाकाव्य रामायण, आज है इनकी जयंती:

रिपोर्ट -आर पी एस समाचार
प्रमुख संवादाता गिरीश त्रिपाठी

परियर स्थित जानकी कुण्ड से जुडा पौराणिक इतिहास:

श्रीरामायण के श्लोकों से सभी को लेनी चाहिये सीख:

उन्नाव।
जिलाधिकारी रवीन्द्र कुमार ने कल बुधवार को स्थानीय पन्नालाल हाॅल में आदिकाल के कवि एवं भगवान श्रीराम के जीवन चरित्र पर आधारित रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि की जयन्ती के अवसर पर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किया।
जिलाधिकारी ने महर्षि वाल्मीकि के जीवन चरित्र पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जनपद उन्नाव में इनकी जयन्ती मनाने का अलग ही महत्व है क्योंकि परियर स्थित जानकी कुण्ड से जुडा पौराणिक इतिहास से काफी कुछ जानने एवं उस पर अमल करने का मौका मिलता है। उन्होंने कहा कि इनके लिखे आदिकाव्य श्री रामायण संसार का सबसे पहला काव्य माना गया है। इसलिए वाल्मीकि को आदिकवि भी कहा जाता है। पुराणों के अनुसार, इन्होंने कठिन तपस्या कर महर्षि पद प्राप्त किया था। आश्विन पूर्णिमा पर वाल्मीकि जयंती का पर्व मनाया जाता है। साधना पूरी करके जब ये बांबी जिसे वाल्मीकि कहते हैं, उससे बाहर निकले तो इनका नाम वाल्मीकि पड़ा। श्रीराम के संपूर्ण चरित्र का वर्णन बहुत ही आदर्श रूप में किया गया है। श्रीरामयण की चैपाइयों को सभी को पढना चाहिए हर श्लोक में बहुत ही आदर्श वचन होते है सभी को श्री रामायण का अध्ययन करना चाहिए इससे मानसिक विकारों एवं जीवन की कठिनाईयों को दूर करने में मद्द मिलती है। सभी को श्री रामायण के चरित्र से सीख लेनी चाहिए। आपसी विवाद से दूर रहना चाहिए।
इस अवसर पर महर्षि वाल्मीकि के चित्र पर मुख्य विकास अधिकारी दिव्यांशु पटेल, अपर जिलाधिकारी राकेश सिंह, नगर मजिस्ट्रेट सुश्री विजेता सहित जिला स्तरीय अधिकारीगणों द्वारा श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुये महर्षि वाल्मीकि के जीवन चरित्र पर अपने-अपने विचार रखे।

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