सफीपुर क्षेत्र के मिर्जापुर मे सन्त स्वामी रामस्वरुप बृम्ह्चारी जी महाराज की अध्यक्षता मे आयोजित त्रिदिवसीय 7वें सनातन धर्म सत्संग समारोह का हुआ समापन

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सफीपुर क्षेत्र के मिर्जापुर मे सन्त स्वामी रामस्वरुप बृम्ह्चारी जी महाराज की अध्यक्षता मे आयोजित त्रिदिवसीय 7वें सनातन धर्म सत्संग समारोह का हुआ समापन

सन्त महात्माओ बिद्द्वानो वक्ताओ आचार्यो ने मिर्जापुर गांव मे बहाई तीन दिनो तक सत्संग ज्ञान गंगा

सनातन धर्म सत्संग समारोहो मे दी जाती है भारतीय संसकृति सभ्यता और संस्कारो की शिक्षा

     

रिपोर्ट -धर्मेंद्र कुमार सिंह

सफीपुर उन्नाव 

क्षेत्र के अन्तर्गत मिर्जापुर गांव स्थित माता शीतला देवी मन्दिर प्रांगण मे 7 वें त्रिदिवसीय सनातन धर्म सत्संग समारोह का आयोजन सन्त स्वामी रामस्वरुप बृम्ह्चारी जी महाराज की अध्यक्षता मे सम्पन्न हुआ । जिसमे दूर दूर से आये बिद्द्वानो सन्त महात्माओ आचार्यो ने पृबचन करते हुये सत्संग की महिमा का बखान किया । भगवान के बिभिन्न चरित्रो के माध्यम से भक्त श्रोताओ को सहज सरल जीवन जीने के गुर बताए और कहा कि भक्ति के माध्यम से भगवान की जब कृपा मिलती है तो उसके बाद प्रभु कृपा से सन्त मिलते है सन्त कृपा प्राप्त होती है जिनकी कृपा से मोक्ष तक की प्राप्ति सहज ही प्राप्त हो जाती है । जन्म जनमान्तरो के जब पुण्योदय होते है तब सन्त कृपा और सन्त बचन प्राप्त होते है ।
सिद्ध हनुमान धाम आश्रम भिनकीपुर के संस्थापक सन्त स्वामी रामस्वरुप बृम्ह्चारी जी महाराज ने क्षेत्र के ग्राम मिर्जापुर स्थित माता शीतला मन्दिर प्रांगण आयोजित त्रिदिवसीय 7 वें सनातन धर्म सत्संग समारोह के अन्तिम दिन भक्त श्रोताओ को आशीर्वचन देते हुये कहा कि सत्संग ही वह पाठशाला है जहा से मानवता और इंसानियत भारतीय संसकृति सभ्यता की शिक्षा दी जाती है । उन्होने कहा आज के परिवेश मे पाश्चात्य सभ्यता के बशीभुत होकर युवा पीढी भटक रही है युवा वर्ग को सावधान होना होगा और सन्तो के सानिध्य मे जाना होगा । उन्होने कहा कि युवा पीढी सहित सभी को सनातन संसकृति और संस्कार अपनाने पड़ेंगे जिससे ही कल्याण होगा । उनका कहना था कि माता पिता गुरु और गौ सन्तो का सम्मान और सेवा करने से पाप कटते है पुण्य उदय होते है ।

इसी क्रम मे दंडी स्वामी सर्वेश्वरानंद जी महाराज ने पंच देवो की पूजा आराधना करने व गौ माता एवं तुलसी माता की पूजा सेवा करने की शिक्षा दी । उन्होने भी कहा कि भारतीय संसकृति सभ्यता और संस्कार सबको अपनाने होगे तभी समाज का कल्याण होगा । इसी प्रकार महिप जी प्रह्लाद जी नंदलाल व पुरुषोत्तम जी अभिषेक आदि आचार्यो सन्तो महात्माओ ने अपने अपने प्रवचनो के माध्यम से सत्संगी भक्त प्रेमियो को श्री हरि के बिभिन्न चरित्रॉ के माध्यम से सहज सरल भक्तिपृद जीवन जीने के तौर तरीके समझाए और अमल करने की अपील की ।

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