राजधानी के चारबाग रेलवे स्टेशन पर सामान्य दिनों में करीब 282 ट्रेनों से सवा लाख यात्रियों का प्रतिदिन आवागमन होता है।

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राजधानी के चारबाग रेलवे स्टेशन पर सामान्य दिनों में करीब 282 ट्रेनों से सवा लाख यात्रियों का प्रतिदिन आवागमन होता है।

चारबाग रेलवे स्टेशन को 98 करोड़ रुपये की लागत से फोरलेन करने की तैयारी शुरू हो गई है

फोरलेन करने की तैयारी…

By admin

लखनऊ, 

लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन को 98 करोड़ रुपये की लागत से फोरलेन करने की तैयारी शुरू हो गई है। उम्मीद है कि नए साल में यात्रियों को फोरलेन का तोहफा मिलेगा। फोरलेन होने से ट्रेनों को आउटर पर बेवजह खड़ा नहीं होना पड़ेगा। राजधानी के चारबाग रेलवे स्टेशन पर सामान्य दिनों में करीब 282 ट्रेनों से सवा लाख यात्रियों का प्रतिदिन आवागमन होता है। चारबाग लखनऊ का सबसे व्यस्त रेलवे स्टेशन है। इस स्टेशन को 98 करोड़ रुपये की लागत से फोरलेन करने की कवायद शुरू हो गई है। नाप-जोख के साथ फीजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार करने का काम चल रहा है। चारबाग रेलवे स्टेशन से बाराबंकी, रायबरेली की ओर जाने वाली गाड़ियों को दिलकुशा केबिन आउटर से गुजरना पड़ता है। इसके दूसरी ओर आलम नगर केबिन है। दिलकुशा और आलम नगर चारबाग के आउटर हैं, जिनसे होकर गाड़ियां चारबाग रेलवे स्टेशन पहुंचती हैं। चारबाग से आउटर पर जाने के लिए अभी डबल लाइन है। इसे फोरलेन करने का प्रोजेक्ट रेलवे बोर्ड की ओर से तैयार किया गया है। ताकि ट्रेनों को आउटर से चारबाग रेलवे स्टेशन आने में दिक्कतों का सामना न करना पड़े। इसके लिए बजट में ही 98 करोड़ रुपये का आवंटन कर दिया गया है। मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) संजय त्रिपाठी ने शनिवार को बताया कि आउटर के फोरलेन हो जाने से ट्रेनों की आवाजाही आसान हो जाएगी। यात्रियों को बेवजह ट्रेनों का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि सामान्य दिनों में चारबाग रेलवे स्टेशन शाम के वक्त काफी बिजी रहता है। बाराबंकी और कानपुर की ओर से आने वाली गाड़ियों को दिलकुशा केबिन और आलम नगर आउटर पर रोकना पड़ता है। चारबाग स्टेशन पर जब ट्रैक खाली होता है तब गाड़ियों को ग्रीन सिग्नल मिलता है।

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