बलिया के पत्रकार की हत्या पर प्रेस क्लब ने सीएम को ज्ञापन भेज की निंदा

बलिया के पत्रकार की हत्या पर प्रेस क्लब ने सीएम को ज्ञापन भेज की निंदा

मांगा पचास लाख का मुआवजा व एक सदस्य को सरकारी नौकरी

ऐसी घटनाएं लोकतन्त्र के चतुर्थ स्तम्भ के लिए कलंक:

   

रिपोर्ट -आर पी एस समाचार के प्रमुख संवाददाता
गिरीश त्रिपाठी

लखनऊ

प्रदेश में लगातार हो रही हत्याओं और अपराधों से उत्तरप्रदेश दहल गया है।गाजियाबाद से बलिया तक हत्या ही हत्या की घटनाएं प्रकाश में आई हैं। कानपुर में फाइनेंस कंपनी के मालिक की हत्या की गई तो आजमगढ़ – क्षेत्र पंचायत सदस्य की हत्या हुई।बलिया में पत्रकार की हत्या हुई तो
गाज़ियाबाद में युवक की हत्या की गई।राजधानी लखनऊ में भी हत्याओं का सिलसिला लगातार जारी है। थाना चिनहट क्षेत्र में छोटे भाई ने बड़े भाई की गला रेत कर हत्या कर दी।बताते हैं कि
पत्नी से अवैध संबंधों के चलते छोटे भाई ने बड़े भाई को मौत के घाट उतार दिया।सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को पीएम के लिए भेजा।
प्रदेश में जिस तेजी के साथ हत्या जैसे जघन्य घटनाएं हो रही हैं उसी तेजी के साथ इन घटनाओं के प्रति विरोध प्रदर्शन भी उग्र होता जा रहा है।गाजियाबाद में हत्या के विरोध में जनता ने प्रदर्शन किया।प्रयागराज में
बलिया में टीवी चैनल के पत्रकार रतन सिंह की हत्या को लेकर संगम नगरी के पत्रकारों में घटना आक्रोश है।प्रयागराज इलेक्ट्रॉनिक मीडिया वेलफेयर क्लब ने एडीएम सिटी को ज्ञापन सौंपा।सीएम योगी आदित्यनाथ से पीड़ित परिजनों को 50 लाख की आर्थिक मदद दिए जाने की मांग की है।राज्यपाल से प्रदेश में जर्नलिस्ट्स प्रोटेक्शन एक्ट लागू किए जाने की भी मांग की।
प्रदेश में पत्रकारों पर हमले और हत्याएं लोकतंत्र और समाज के लिए चिंता का विषय बताते हुए ,
वेलफेयर क्लब ने सीएम योगी से मामले में सीधे हस्तक्षेप की भी मांग की है।कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने पीड़ितों को 1 करोड़ मदद देने की मांग के साथ दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करनें की मांग भी की है।पत्रकार रतन सिंह की हत्या मामले में अखिलेश यादव परिवार की 2 लाख की मदद करेंगे ।सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने मदद का एलान करते हुए राज्य सरकार से परिवार को 50 लाख की मदद देंनें की।सपा सुप्रीमो ने कहा कि यूपी में अपराधी नहीं भाजपा सरकार ही कहीं गायब हो गई है।जनता को सुरक्षा नहीं मिल रही कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त है भाजपा ने यूपी को अपराधियों की शरण स्थली बना दिया है।भाजपा सांसद और विधायकों की ही सुनवाई नहीं हो रही तो आम जनता का क्या हाल होगा।यूपी में लगातार हत्याएं हो रही हैं बच्चियों से रेप हो रहा है और पत्रकारों को भी मारा जा रहा है।साढ़े तीन वर्षों में भाजपा ने यूपी में बर्बादी ही दी है यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भाजपा ने यूपी का जितना अहित किया उतना किसी सरकार ने नहीं किया।
बलिया में पत्रकार की हत्या के बाद लखनऊ के पत्रकारो में भी रोष है।पत्रकारो ने गांधी प्रतिमा पर कैंडल जलाकर श्रधांजलि दी।
दो मिनट का मौन रखकर स्व० रतन सिंह की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।हज़रतगंज स्थित गांधी प्रतिमा पर पत्रकारो ने शांति पूर्ण विरोध किया।सरकार से मांग की पत्रकारो पर हो रहे उत्पीड़न व हत्याओं को लेकर सख्त कानून बनाये जाए।
मृतक पत्रकार के परिजनों की आर्थिक मदद की मांग भी की।उधर बलिया जा रहे कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय लल्लू को रायबरेली की सलोन पुलिस ने टोल प्लाजा के पास रोका। पुलिस कांग्रेस नेता को पंक्षी विहार में कैद कर दिया।बलिया के वरिष्ठ पत्रकार की गोली मारकर नृशंस हत्या की घटना को गंभीरता से लेते हुए फतेहपुर प्रेस क्लब ने मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन जिला अधिकारी के माध्यम से भेजते हुए घटना की कड़े शब्दों में निंदा की और प्रदेश सरकार से मांग की गई कि मामले की गंभीरता से जांच और हत्यारों की अति शीघ्र गिरफ्तारी किया जाए। साथ ही मृतक के परिजनों को पचास लाख का मुआवजा एवं उनके एक आश्रित को सरकारी नौकरी दी जाए और ऐसी व्यवस्था की जाए कि भविष्य में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो।
प्रेस क्लब द्वारा भेजे गए इस ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि सूबे में लोकतंत्र के चतुर्थ स्तंभ के संवाहको के साथ लगातार होने वाली ऐसी घटनाओं से जहां पत्रकार समुदाय आहत है, वहीं कलमकारों में भय का वातावरण बनता जा रहा है। साथ ही मीडिया के दायित्व बोध भी प्रभावित हो रहे हैं। क्लब अध्यक्ष नागेन्द्र प्रताप सिंह की अगुवाई में गए प्रतिनिधिमंडल में वरिष्ठ पत्रकार श्रवण श्रीवास्तव, सीबी सिंह त्यागी समेत क्लब के वरिष्ठ पदाधिकारी महेश सिंह, प्रमोद श्रीवास्तव, वीरेन्द्र सिंह भदौरिया, हरीश शुक्ला, विनोद मिश्रा, अमन तिवारी, राजेश सिंह डब्बू, भूपेन्द्र सिंह, दीपू मौर्या, रमेश चन्द्र यादव, सुनील मौर्या आदि पत्रकार एवं छायाकार बन्धु मौजूद रहें। इस मौके पर कोरोना संक्रमण के चलते सरकार की गाइड लाइन का अनुपालन एवं सामाजिक दूरी का विशेष ध्यान रखा गया।

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