नवरात्रि में देबी पूजन के कार्यक्रमों पर इस वर्ष कोरोनावायरस का ग्रहण लगा रहा

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नवरात्रि में देबी पूजन के कार्यक्रमों पर इस वर्ष कोरोनावायरस का ग्रहण लगा रहा

रिपोर्ट- गिरीश त्रिपाठी स्वतंत्र पत्रकार

उन्नाव
नवरात्रि में देबी पूजन के कार्यक्रमों पर इस वर्ष कोरोनावायरस का ग्रहण लगा रहा ।देवी भक्त मंदिरों में पूजन करने नहीं जा सके। इसके अलावा उन्हें अपने व्रत का परिपालन करने के लिए फलाहार तक का प्रबन्ध नहीं कर पाए और मंदिर के बजाय घर में भी पूजन के लिए पूजन सामग्री की व्यवस्था करना तक कठिन हो गया।
इस संबंध में पत्रकार नें भक्तों और धर्म आचार्यों से पडताल की अधिकांश देबी भक्तों का मत था कि अपने जीवन काल में इस तरह की स्थिति पहली बार सामनें आई है। इस वर्ष शारदीय नवरात्रि की शुरुआत बुधवार 25 से हुई थी और गुरुवार 2अप्रैल को माता के सिद्धिदात्री रूप का पूजन कर भक्तों ने अपने व्रत का पारायण किया। नवरात्रि के दिनों में भारत सरकार द्वारा लाक डाउन घोषित किए जाने से लोगों का घरों से आना जाना निकलना नहीं हो सका ।मंदिर मस्जिद और गुरुद्वारे में भक्तों के आने जाने पर रोक हो गई ।देवी भक्तों के लिए नवरात्रि में करोना का ग्रहण बना रहा ।

                      संत नीरज स्वरूप ब्रह्मचारी

इस संबंध में सिद्ध पीठ माता भुनेश्वरी देवी मंदिर के महंत नीरज स्वरूप ब्रम्हचारी ने बताया कि उनके जीवन काल में यह पहला ऐसा अवसर आया है जब भक्तों को मंदिर जाने तक नहीं मिला। उन्हें घरों में ही रोक दिया गया तो वह मंदिर कैसे जाते।इसके अलावा सार्वजनिक स्थानों और मंदिरों पर होने वाले धार्मिक कार्यक्रमों पर भी रोक हो गई। जिससे उनके यहां आश्रम पर प्रतिवर्ष सप्तमी को नवदुर्गा के दिनों में महादेवी काली की विशेष पूजा अर्चना की जाती है जिसमें हजारों महिला पुरुष देबी भक्त जमा होते थे ।इस वर्ष कार्यक्रम को स्थगित करना पड़ा है।

 

प्रीति तिवारी

महिला देबी भक्त श्रीमती प्रीती तिवारी ने बताया कि व्रत तो किसी तरहा पूरे कर लिए किंतु अन्य वर्षो की तुलना में इस वर्ष नवरात्रि की चहल-पहल न तो कहीं भक्तों में ही दिखाई पड़ी और ना ही मंदिरों पर भक्त पहुंच सके ।उन्होंने बताया कि पिछले लगभग 10 सालों से वह नवरात्र व्रत कर रही हैं किंतु ऐसा कभी भी नहीं हुआ कि उन्हें व्रत के दौरान मन्दिर में देवी जी को फूल और फल चढ़ाने के लिए न मिले हो। लेकिन इस वर्ष तो बिना फल फूल के घर में ही कैलेंडर और फोटो की पूजा कर देवी पूजन पूरा किया।

पूजा तिवारी

दूसरी देबी भक्त श्रीमती पूजा तिवारी बताती है की पिछले 9 सालों से वह ब्रत करती हैं और इस दौरान जो उत्साह देवी भक्तों में देवी पूजा और मंदिर जाने के प्रति देखने को मिलता था वह इस वर्ष कहीं नजर नहीं आया।

मंजू त्रिपाठी

भक्तों में श्रीमती मंजू कहती हैं कि वैसे नवरात्रि के दिनों में सुबह 4 बजे से ही देवी भक्तों में चहल पहल शुरू हो जाती थी और घरों की सफाई के साथ-साथ स्नान आदि कर महिलाएं देवी पूजन के लिए घरों से मंदिर चली जाती थी।लेकिन इस बार देवी भक्तों में नीरसता रही और पूरी नवरात्रि कोरोनावायरस ग्रसित हो सुनसान सन्नाटे में बीत गए। मंदिरों के देवी मूर्तियां भूखी बैठी रही और घरों के कागज के कलैंडर पर देवी जी को पकवान मिठाई और फल आदि देवी भक्तों ने खूब खिलाई। घरों से बाहर न निकल पाने के कारण फूल पत्ती भी मिलना बड़ा कठिन बना रहा बाजारों में तो फूल मिलने की बात दूर जहां घरों में माली फूल देने आते थे वह भी इस वर्ष नहीं आए।

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