कुलदीप सेंगर की अंतरिम जमानत में हाई कोर्ट ने किया संशोधन

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कुलदीप सेंगर की अंतरिम जमानत में हाई कोर्ट ने किया संशोधन

उन्नाव दुष्कर्म मामले में सजा काट रहे पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की अंतरिम जमानत ने दिल्ली हाई कोर्ट ने संशोधन किया है और अब सेंगर सिर्फ कार्यक्रम के दौरान ही जमानत पर बाहर आएगा। हाई कोर्ट ने यह फैसला पीड़िता द्वारा दायर किए आवेदन के बाद दिया है।

उन्नाव दुष्कर्म मामले में सजायाफ्ता भाजपा से निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दी गई अंतरिम जमानत ने दिल्ली हाई कोर्ट ने संशोधन करते हुए अब सिर्फ कार्यक्रम के दौरान ही जमानत पर रहने का निर्देश दिया है। यानी सेंगर अब सिर्फ शादी और तिलक के कार्यक्रम के लिए ही जेल से बाहर रह सकेंगे।

पहले 15 दिनों तक मिली थी अंतरिम जमानत
कोर्ट ने यह आदेश पीड़िता के आवेदन पर दिया। याचिका में पीड़िता ने सेंगर को दी गई अंतरिम जमानत को वापस लेने या फिर अतिरिक्त प्रतिबंध लगाने का निर्देश देने की मांग की है। सेंगर को हाई कोर्ट ने उनकी बेटी की शादी में शामिल होने के लिए 15 दिनों के लिए 27 जनवरी से 10 फरवरी तक के लिए अंतरिम जमानत दी थी।

कुलदीप सिंह सेंगर की अंतरिम जमानत का विरोध में दिए पीड़िता के आवेदन को ध्यान में रखते हुए जस्टिस मुक्ता गुप्ता और पूनम ए बंबा की पीठ ने 16 जनवरी को सेंगर को उसकी बेटी की शादी के कारण 27 जनवरी से 10 फरवरी तक अंतरिम जमानत दी थी और निर्देश दिया कि राजनेता 30 जनवरी को तिलक समारोह में शामिल होने के बाद खुद को 1 फरवरी को जेल अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण करेंगे। इस आदेश में आगे लिखा है कि 8 फरवरी को होने वाली शादी के लिए सेंगर को 6 फरवरी को फिर से जेल से रिहा किया जाएगा और 10 फरवरी को आत्मसमर्पण करेगा।
वहीं, पूर्व विधायक की अंतरिम जमानत का विरोध करते हुए पीड़िता ने कहा, अगर कुलदीप सेंगर को जमानत दी जाती है तो मुझे और गवाहों को खतरा होगा। वहां के सभी सरकारी अधिकारी उसके नियुक्त हैं। मैं उसे रिहा नहीं करने का अनुरोध करती हूं। अगर वह रिहा होता है कि तो मुझे मरवा देगा। वहीं, सीबीआई ने सेंगर की बेटी की शादी की खबरों के तथ्य की जांच की थी और एक रिपोर्ट अदालत में पेश करते हुए बताया कि वह पुनर्विचार कर सकती है और अपने अंतरिम जमानत के आदेश को वापस ले सकती है।
सुप्रीम कोर्ट ने दिया दखल
1 अगस्त, 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर संज्ञान लेते हुए निर्देश जारी किया और केस को यूपी की ट्रायल कोर्ट से दिल्ली ट्रांसफर करने के लिए कहा था।

उन्नाव दुर्ष्कम केस में ट्रायल कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली सेंगर की अपील हाई कोर्ट में लंबित है। उन्होंने ट्रायल कोर्ट के आजीवन कारावास की सजा के फैसले को रद्द करने की मांग की है। बता दें कि कुलदीप सिंह सेंगर ने साल 2017 में पीड़िता का अपहरण कर उसके साथ दुर्ष्कम किया था, उस दौरान पीड़िता नाबालिग थी।
ब्यूरो रिपोर्ट दिल्ली

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