विश्व एड्स दिवस पर रूमी गेट पर जागरूकता कार्यक्रम का किया शुभारम्भ ,युवाओं को जागरूक बनाएं-एड्स पर नियंत्रण पाएँ : अमृता सोनी

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विश्व एड्स दिवस पर रूमी गेट पर जागरूकता कार्यक्रम का किया शुभारम्भ ,युवाओं को जागरूक बनाएं-एड्स पर नियंत्रण पाएँ : अमृता सोनी
कहा- वर्ष 2030 तक लक्ष्य प्राप्त करने के लिए सभी की सहभागिता जरूरी
जागरूकता के लिए एलईडी वैन को किया रवाना, हस्ताक्षर अभियान चलाया

लखनऊ, 01 दिसम्बर-2022। विश्व एड्स दिवस पर वृहस्पतिवार को उत्तर प्रदेश एड्स कंट्रोल सोसायटी के तत्वावधान में रूमी गेट पर विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये गए। इस अवसर पर सोसायटी की परियोजना निदेशक अमृता सोनी ने कहा कि एचआईवी/एड्स पर नियन्त्रण के लिए जरूरी है कि अधिक से अधिक युवाओं को कार्यक्रम से जोड़ा जाए और उन्हें जागरूक बनाया जाए। युवाओं को शुरुआत से ही एचआईवी/एड्स से बचाव, लक्षण और उपचार के बारे में जागरूक बनाने पर फोकस करना बहुत जरूरी है। इसके अलावा उन असमानताओं को दूर करना है जो कि एड्स नियंत्रण कार्यक्रम में बाधक हैं।
परियोजना निदेशक ने कहा कि एचआईवी (ह्यूमन इम्यूनोडिफिसिएंसी वायरस) /एड्स (एक्वायर्ड इम्यूनो डिफिसिएंसी सिंड्रोम) से जुड़ी भ्रांतियों और असमानता को ख़त्म करने के लिए सभी का एकजुट होना जरूरी है। एचआईवी/एड्स के संक्रमण पर पूरी तरह नियन्त्रण पाने का लक्ष्य वर्ष 2030 तय किया गया है, जो कि सभी की सहभागिता से ही संभव है। उन्होंने कहा कि विश्व एड्स दिवस की हर साल अलग-अलग थीम निर्धारित की जाती है, इस बार की थीम है- समानता। थीम के मुताबिक़- समानता से सम्मान तक पर फोकस करते हुए यह तय करना है कि किसी भी एचआईवी ग्रसित के साथ कोई भेदभाव न होने पाए। उन्होंने कहा कि एचआईवी ग्रसित व्यक्ति नियमित उपचार और सही देखभाल से सामान्य जीवन व्यतीत कर सकता है। उन्होंने बताया कि इस समय प्रदेश के विभिन्न एआरटी सेंटर के माध्यम से करीब 1.22 लाख एचआईवी/एड्स ग्रसित मरीज दवाएं प्राप्त कर रहे हैं। इस मौके पर चलाये गए हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत उन्होंने अपना सन्देश लिखकर की। हेल्पिंग यूथ फाउंडेशन के जागरूकता स्टाल पर पहुंचकर परियोजना निदेशक ने मेंहदी लगवाई और राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम समेत विभिन्न जागरूकता स्टाल का निरीक्षण किया। सेल्फी प्वाइंट पर फोटो खिंचवाकर उसका उद्घाटन किया और जागरूकता के लिए एलईडी वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
इस अवसर पर सोसायटी के अपर परियोजना निदेशक डॉ. हीरा लाल ने कहा कि बचाव उपचार से बेहतर है। इसलिए एचआईवी से सुरक्षित रहने के लिए संयम, वफादारी और नियमित कंडोम का इस्तेमाल करना बहुत जरूरी है। बीमारी की स्थिति में हमेशा नई सुई व सिरिंज का प्रयोग करें और लाइसेंसशुदा ब्लड बैंक से हमेशा जांचा-परखा रक्त ही प्रयोग में लायें। इसके अलावा हर गर्भवती की एचआईवी जाँच और संस्थागत प्रसव सुनिश्चित किया जाना चाहिए। इस बारे में अधिक जानकारी के लिए एड्स हेल्पलाइन के टोल फ्री नम्बर 1097 पर भी सम्पर्क कर सकते हैं। कार्यक्रम को यूपी एड्स कंट्रोल सोसायटी के संयुक्त निदेशक रमेश श्रीवास्तव और शुभ्रा मित्तल ने भी संबोधित किया।
इस अवसर पर सेठ एम आर जयपुरिया स्कूल, कानपुर रोड के कक्षा-नौ से 12 के बच्चों ने ‘आगे हाथ बढ़ाओ’ नुक्कड़ नाटक और गीत प्रस्तुत कर एचआईवी फैलने के कारणों के बारे में सन्देश दिया। उन्होंने सन्देश दिया कि एचआईवी संक्रमित व्यक्ति के साथ असुरक्षित यौन सम्बन्ध बनाने, एचआईवी संक्रमित सुई के साझा प्रयोग से, एचआईवी संक्रमित रक्त या रक्त उत्पाद चढ़ाए जाने से और एचआईवी संक्रमित गर्भवती से होने वाले शिशु को एचआईवी ग्रसित होने की गुंजाइश रहती है। इसके अलावा असुरक्षित सुई से टैटू बनवाने से भी बचने की सलाह दी। इस मौके पर प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता भी आयोजित हुई और जागरूकता से जुड़ी शार्ट फिल्म दिखाई गयी। इस मौके पर विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक और यूपी एड्स कंट्रोल सोसायटी के कर्मचारी उपस्थित रहे।

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