भारतीय क्षत्राणी नारी को अबला कहने वाले क्या भूल गये इतिहास, नारी ने वीरता शौर्य पराक्रम त्याग बलिदान की पेश की है अनन्त मिशालेँ

Listen to this article

भारतीय क्षत्राणी नारी को अबला कहने वाले क्या भूल गये इतिहास, नारी ने वीरता शौर्य पराक्रम त्याग बलिदान की पेश की है अनन्त मिशालेँ

लखनऊ । भारतीय नारीशक्ति की मिशाल वीरता एवं त्याग बलिदान की अप्रतिम प्रतीक झांसी की महारानी लक्ष्मीबाई जी ने अपने असाधारण अदम्य साहस और राष्ट्रभक्ति से प्रथम स्वतंत्रता संग्राम 1857 की क्रान्ति में अतुलनीय योगदान दिया। देश के प्रति उनका बलिदान समर्पण व शौर्य गाथा सदा हम भारतीयों को प्रेरित करती रहेगी।ऐसी महान वीरांगना की जयंती पर उन्हें कोटि-कोटि नमन करते हुये उनके कृतित्व और व्यक्तित्व को याद किया गया ।
श्री राष्ट्रीय क्षत्रिय महासभा की कोषाध्यक्ष ज्योति देवेन्द्र सिंह राणा सहित प्रदेश उपाध्यक्ष श्रीमती नीरज सिंह ने अपने अपने विचार व्यक्त करते हुये कहा कि भारतीय नारी शक्ति की अमर गौरव गाथायें सदैव स्मरण की जाती रहेंगी । नारी शक्ति ने आदिकाल से हर युग काल मे और हर स्थिति परिस्थियों हालातो मे अपने शौर्य पराक्रम वीरता का लोहा मनवाया है । और समय समय पर देश समाज और मानवता की रक्षा के लिये आगे आई है । नारी को अबला कहने वाले शायद शास्त्र वेद पुराण और इतिहास भूल गए है । भारतीय नारियो ने देव दनुज और राक्षसो असुरों का भी सामना किया है । और राक्षसो व असुरो का बध किया । नारी इंसानियत और मानवता के लिये दया ममता की जहाँ मुर्ति है जननी है । वहीं दानवता के लिये नारी चंडी स्वरूपा है । काली दुर्गा स्वरुप मे संहारक बनी ।
क्षत्रिय महिला नेताओ ने कहा कि अब समय की पुकार है हम सभी क्षत्राणियो को संगठित होने की आवश्यकता है । ऐसी स्थिति मे संगठन को मजबूत करने की जरुरत है । संगठन को बिस्तारित करने और मजबूत करने पर खास जोर दिया गया । प्रदेश अध्यक्ष दिलीप सिंह चौहान कल्लू डान ने कहा कि क्षत्रिय समाज को संगठित होने और करने की जरुरत है । संगठन को बडे पैमाने पर बिस्तार देकर इकाइयो का गठन किया जा रहा है । उन्होने सभी से संगठन को मजबूत करने की अपील की।
रानी लक्ष्मीबाई ने स्वतंत्रता संग्राम मे गोरो के दाँत खट्टे कर दिए । तो रानी पद्मावती ने हजारों नारियो के साथ धधकते अग्नि कुण्ड मे कूदकर अपने प्राणॉ की आहुति जौहर करके दे दिया लेकिन राजपूतो की आन बान शान पर आंच न आने दी । और आक्रान्ता मुगलों को भारतीय संस्क्रति सभ्यता का मुँह तोड बोध करा दिया । ऐसी अनगिनत मिशाले है । नारी अबला नही है ।
इस मौके पर जहाँ प्रदेश महिला अध्यक्ष मिथिलेश सिंह ने राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष ज्योति सिंह देवंद्र राणा का सम्मान किया गया। वहीं प्रदेश अध्यक्ष दिलीप सिंह चौहान कल्लू डान सहित पृभारी विपिन सिंह ने प्रदेश उपाध्यक्ष श्रीमती नीरज सिंह को पगडी व तलवार भेंट कर सम्मानित किया ।

विज्ञापन बॉक्स