शहीद ए आजम भगत सिंह के जन्म दिवस के उपलक्ष में “आज के दौर में भगत सिंह के विचार और पुस्तकालय की भूमिका पर विचार गोष्ठी” का आयोजन 

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शहीद ए आजम भगत सिंह के जन्म दिवस के उपलक्ष में “आज के दौर में भगत सिंह के विचार और पुस्तकालय की भूमिका पर विचार गोष्ठी” का आयोजन 

बांगरमऊ उन्नाव 25 सितंबर 2022 ।

नगर के उन्नाव मार्ग पर डिग्री कॉलेज के समीप भगत सिंह अंबेडकर- लाइब्रेरी में शहीद ए आजम भगत सिंह के 115 में जन्म दिवस के उपलक्ष में “आज के दौर में भगत सिंह के विचार और पुस्तकालय की भूमिका पर विचार गोष्ठी” का आयोजन किया गया जिसमें कई वक्ताओं ने अपने अपने विचार व्यक्त किए।
विचार गोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए गोरखपुर से पधारे वरिष्ठ पत्रकार एवं संस्कृति कर्मी मनोज कुमार सिंह ने कहा कि भगत सिंह एक क्रांतिकारी नायक हैं जो आज भी जनता के दिलों पर राज कर रहे हैं। भगत सिंह एक बड़े लेखक, विचारक व पत्रकार भी थे। 23 वर्ष की उम्र में उन्होंने जो देश के लिए किया है उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। भगत सिंह के विचारों पर बोलते हुए कहा कि इतनी कम उम्र में जो उनकी सोच और विचारधारा थी वह कहीं और नहीं मिलती। जातिवाद, धर्मवाद, ऊंच-नीच भेदभाव असमानता जैसी कुरीतियों के खिलाफ वह हमेशा रहे। वह कहा करते थे कि साम्प्रदायिक समस्या के लिए सांप्रदायिक नेता व अखबार जिम्मेदार हैं। अखबार व मीडिया का काम है लोगों को शिक्षित करना, जागरूक करना, उसके बजाय वह लोगों को लड़ाने व उनमें नफरत भरने का काम कर रहे हैं, टीवी चैनल भी इसको खूब ज्यादा बढ़ावा दे रहे हैं। आज देश के नौजवानों की संख्या करीब 42 करोड़ है। आज नौजवानों, मजदूरों, किसानों की आत्महत्या सबसे ज्यादा देश में बढ़ी हैं। आज बेरोजगारी चरम सीमा पर है, यह सब देश के खराब हालात का संकेत है। स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार पर बहुत कम पैसा खर्च किया जा रहा है, जो एक चिंता का विषय है।
नीतीश कनौजिया ने अपने संबोधन में कहा कि सत्ता के शीर्ष पर बैठे लोग आज पूरे देश को एक रंग में रंगने का काम कर रहे हैं। आज जहां एक ओर पूरे देश में अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है क्या ऐसे में हम भगत सिंह के रास्ते पर चल रहे हैं। हमारी आने वाली पीढ़ी को पढ़ने नहीं दिया जाएगा, जबकि शिक्षा के क्षेत्र में दिखावा खूब किया जाएगा। नई शिक्षा नीति लागू की गई है जो आने वाली पीढ़ी को शिक्षा से दूर कर देगी। स्कूलों में सरकारी हिस्सेदारी कम की जाएगी, निजी हिस्सेदारी ज्यादा की जाएगी। लाइब्रेरी की क्यों आवश्यकता है पर बोलते हुए कहा कि इसका हमेशा महत्व रहा है। इसके जरिए लोग अध्ययन करके काफी महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। ये अडानी, अंबानी कभी आपकी शिक्षा को बेहतर नहीं होने देंगे, क्योंकि अगर आप पढ़ लिख गए तो आप अपना अधिकार मांगेंगे और सवाल करेंगे इसलिए वह यह कभी नहीं होने देंगे। इस मौके पर पंकज चतुर्वेदी की पुस्तक “आकाश में अर्धचंद्र” का विमोचन भी किया गया।
अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ साहित्यकार व कवि धर्मेंद्र कटियार ने कहा कि भगत सिंह के रास्ते पर चलने के लिए लोगों को प्रेरित किया जाए। भगत सिंह की क्रांतिकारी चेतना आज के दौर की ज़रूरत है। उन्होंने लाइब्रेरी आंदोलन को मजबूत करने की ज़रूरत पर बल दिया।
विचार गोष्ठी का संचालन नीतीश कनौजिया ने किया। इस मौके पर देवेंद्र यादव, कौशल किशोर, अर्पित गुप्ता, चोखेलाल, गेंदेंलाल, समाजसेवी फजलुर्रहमान, मोहम्मद नूर आलम, ज्ञानेंद्र कुमार मिश्रा, मनीराम यादव, प्रमोद कुमार सिंह, अजय कटियार, दिलीप कुमार, रणविजय सिंह, प्रभात कनौजिया, बुद्धिलाल, सुनील कुमार सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।

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