श्रीराम कथा का चौथा दिन,राम वन गमन की कथा सुन रो पड़े श्रोता

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श्रीराम कथा का चौथा दिन,राम वन गमन की कथा सुन रो पड़े श्रोता

गिरीश त्रिपाठी स्वतन्त्र पत्रकार आर पी एस समाचार प्रमुख संवादाता
गिरीश त्रिपाठी स्वतन्त्र पत्रकार आर पी एस समाचार प्रमुख संवादाता

उन्नाव।

आचार्य श्री लंकेश जी महाराज ने चौथे दिन की कथा में बताया कि जब राम के राज्याभिषेक की तैयारी शुरू हुई तो मंथरा के उकसाने पर कैकेयी कोप भवन में जाकर राजा दशरथ द्वारा पूर्व में दिए गए दो वचनों को को पूर्ण करने का हठ करती है। रघुकुल रीत सदा चली आई, प्राण जाहिं पर वचन न जाहिं चौपाई गान के बीच दशरथ राम को वनवास और भरत को राजगद्दी का आदेश देते हैं। राम के साथ सीता और लक्ष्मण भी वन को चल देते हैं। राम के वियोग में दशरथ करुण क्रंदन करते हुए प्राण त्याग देते हैं। राम वनगमन में पूरे अयोध्या वासी मार्ग के दोनों ओर खड़े होकर आंसू बहाते हुए न जाओ न जाओ हे प्रभु पुकार कर रहे हैं। बहुत ही मार्मिक कथा सुन सभी श्रोता अश्रुपूरित होकर भाव विभोर होते है। अहिल्या उद्धार की कथा, मांगी नाव न केवट आना चौपाई के साथ केवट संवाद आदि की कथा हुई। मृग मारीच भेजकर रावण हरण कर लेता है सीता का। रामजी विलाप करते हुए हे खग मृग हे मधुकर श्रेणी, तुम देखी सीता मृगनयनी बार बार सबसे पूंछते हैं। सुग्रीव मैत्री और हनुमान जी से मिलन होता है। मुख्य यजमान वरिष्ठ चिकित्सक डॉ संजय मिश्रा और उनके परिवार के सदस्य नाना प्रकार के पकवान पूरे प्रांगण में सभी को वितरित करते हुए बधाइयां देते हैं और आचार्य श्री लंकेश को अंगवस्त्र व प्रतीक चिन्ह आदि भेंट कर समानित कर आशीर्वाद लेते हैं। यजमान समाजसेवी पवन अग्रवाल ने आचार्य वृन्दों को सम्मानित किया। करणी सेना जिलाध्यक्ष नीलम सिंह और पदाधिकारियों ने लंकेश जी को प्रतीक चिन्ह अंगवस्त्र और सभी वाध्य वृन्दों व आचार्यों को अंग वस्त्र, ओम प्रिंटर्स से अमित मिश्रा व टीम ने लंकेश जी को राम दरबार और माल अंगवस्त्र पहनाकर, जन समाज कल्याण से मंजू शर्मा और रश्मि ठाकुर ने अंगवस्त्र के साथ लंकेश जी सहित सभी आयोजकों और श्रोताओं को सुंदरकांड भेंट कर, डॉ मनोज श्रीवास्तव ने अंग वस्त्र पहनाकर आशीर्वाद लिया। गुरुकुल व कथा सूत्रधार विजय त्रिपाठी, स्वागताध्यक्ष विमल द्विवेदी, मुख्य सेवक मनीष सिंह सेंगर ने आचार्य जी द्वारा मुख्य यजमान डॉ संजय मिश्रा के परिवार, बार अध्यक्ष सतीश शुक्ला, अन्नू मिश्रा, नीलम सिंह, डॉ प्रभात सिन्हा, आचार्य बासू, आचार्य आदित्य, आचार्य हिमांशु, रश्मि ठाकुर, डॉ सुषमा सिंह, डॉ ए के निगम, प्रशांत दीक्षित, शाश्वत मिश्रा आदि को लंकेश जी से प्रतीक चिन्ह भेंट कराया। सिद्धिनाथ धाम कानपुर के महंत अरुण पूरी जी ने अपने वैदिक उद्बोधन से पूरा पांडाल भक्तिमय बना दिया। अरुण पूरी जी का अचार लंकेश और आयोजकों ने गुरु सम्मान किया। हास्य अभिनेता अन्नू अवस्थी ने आकर थोड़ा माहौल खुशनुमा किया और लंकेश जी सहित सभी आयोजकों को बार बार बधाइयां दीं। विख्यात कथा व्यास शिवकांत जी महाराज ने मंच पर पधार अपने भ्रातवत सखा लंकेश जी की भूरी भूरी प्रशंसा करते हुए आयोजकों को शुभकामनाएं दीं। व्यास जी के पिताश्री राजीव दीक्षित, पप्पू मिश्रा लखपति, शाश्वत मिश्रा, सभासद राहुल कश्यप, लक्ष्य निगम, अरुण गोस्वामी , शिवम मिश्रा, श्रेयांश समी वर्मा, शिवम तिवारी, तरुण द्विवेदी, पंकज मिश्रा, हिन्दू जागरण मंच जिलाध्यक्ष अजय त्रिवेदी आदि ने किया।

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